आरोपियों के K-कनेक्शन पर एजेंसियों की नजर:एटीएस का दावा, लखनऊ में गिरफ्तार मिनहाज और मसीरुद्दीन ने कश्मीर में 3 माह ली थी आतंक फैलाने की ट्रेनिंग; केरल से UP तक तैयार हो रहे थे स्लीपर सेल
लखनऊ से गिरफ्तार आतंक के आरोपियों को लेकर एटीएस और सुरक्षा एजेंसी कानपुर से कश्मीर तक सर्च अभियान चलाने जा रही है। बुधवार को एटीएस टीम ने कानपुर और उसके आसपास जिलों में छापेमारी करने की तैयारी कर रही है। यहां मिनहाज का आना जाना था। इसके बाद टीम ने सहारनपुर स्थित देवबंद होते हुए कश्मीर जाने का खाका तैयार कर लिया है। यहां मिनहाज व उसके साथी मसीरुद्दीन ने ट्रेनिंग ली थी। इसके साथ ही यूपी में इनकी मदद के लिए फियादीन और केरल से संचालित हो रहे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) द्वारा स्लीपर सेल तैयार करने वालों पर भी शिकंजा कसेगी। एटीएस आतंकियों का K यानी कश्मीर और केरल कनेक्शन तलाशेगी।
K-कनेक्शन से ऐसे जुड़े तार
एटीएस के सूत्रों के मुताबिक कस्टडी के दौरान मिनहाज और मशरुद्दीन को कानपुर और कश्मीर ले जाएगी। कानपुर के चमनगंज जहां के हिस्ट्रीशीटर ने उसे पिस्टल व गोला बारूद मुहैया कराया था वहीं नई सड़क का एक बिल्डर फाइनेंसर था। रहमानी मार्केट से उसे दो प्री-एक्टिवेटेड सिम मिले थे। वहां कई बार जाकर युवाओं का माइंड वॉश कर फिदाइन बनाने का प्रयास कर रहा था।
उधर, मिहनाज के कश्मीर के मूसा और तौहीद से टेलीग्राम ऐप से संबंध सामने आए हैं। तौहीद के बैंक खाते में मिनहाज ने कई बार पैसे भेजे थे और बात भी की थी। जहां उसके ट्रैनिंग लेने की बात समाने आई है। वहीं केरल के कुछ लोग पीआईएफ संगठन की आड़ में लखनऊ में सील्पर सेल तैयार कर रहे थे। जिनकी मदद से प्रदेश में धमाके होने थे। इसलिए टीम मिहनाज से जुड़े लोगों व शहरों में सर्च अभियान चलाकर उसके K-कनेक्शन की पड़ताल करेगी।
कश्मीर में ली ट्रेनिंग
लखनऊ से मिनहाज और मसीरुद्दीन ने कश्मीर में करीब तीन माह रहकर आतंकी बनने की ट्रेनिंग ली, जैसा जांच अधिकारियों का दावा है। मिनहाज ने बताया कि वह कानपुर में टेरर क्लास ले रहा था। इस क्लास रूम के लिए जगह की जिम्मेदारी चमनगंज के एक प्रोफेसर व बिल्डर की मदद से धार्मिक स्थल में चला रहा था। यहां नौजवानों को रैडिकलाइज करना था। मिनहाज ने अभी तक पूछताछ में बताया है कि वह सोशल मीडिया के माध्यम से अंसार गजवातुल हिंद और फिर अलकायदा के सम्पर्क में आया था।
बताते हैं कि आतंकी संगठन उसके द्वारा सोशल मीडिया पर किए जाने वाले कमेंट से प्रभावित होकर उससे सोशल मीडिया पर ही संपर्क साधा था। फिर उसे कुछ वीडिओ भेजे, जिन्हें देखकर वो और कट्टर हुआ। इसके बाद उसे संगठन से जोड़ा गया और फिर ऑनलाइन ही कुछ बड़े आतंकियों से उसका ब्रेनवॉश कराया गया। साथ ही उसे संगठन के मक़सद पूरा करने में जान देने की कसम दिलाई गई।

कानपुर और लखनऊ में तैयार कर रहा था मानव बम
उसने बताया है कि करीब डेढ़ साल तक उसने स्लीपर सेल की तरह काम किया और फिर नौकरी जाने के बाद वह सक्रिय रूप से अलकायदा के साथ जुड़ गया। यहां तक वह इतना कट्टर हो चुका था कि खुद मानव बम बनाने पर भी राजी हो गया था। उसने कश्मीर में आतंकी ट्रेनिंग लेने की बात कबूल की है। उसके मोबाइल, सोशल मीडिया अकाउंट और बैंक अकाउंट से यह बात साबित भी हो रही है। उसने आतंकियों की तीन महीने की ट्रेनिंग श्रीनगर में हुई थी।