2018 में ही लव जिहाद पर उत्तराखंड में बन गया था कानून, अब कौन उड़ा रहा है अफवाहें
देशभर के कई राज्यों में लव जिहाद को लेकर सियासत गरमा रही है। ऐसे में तमाम राज्यों में लव जिहाद मामले पर चर्चाएं भी होने लगी हैं। वहीं अगर उत्तराखंड की बात की जाए तो उत्तराखंड में 2018 में ही प्रदेश की त्रिवेंद्र रावत सरकार धर्म स्वतंत्रता विधेयक ला चुकी है। यानी जो कानून दूसरे राज्यों में अब लागू हो रहा वह कानून उत्तराखंड में 2018 में ही आ चुका था। उत्तर प्रदेश में भी अब लव जिहाद पर कानून बनेगा। इस बीच अन्तरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन सम्बन्धी वायरल पत्र पर सरकार ने संज्ञान लिया है। यह पिछली सरकारों का GO है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को जब मिली जानकारी, उठाया सख्त कदम
दरअसल 2014 में प्रोत्साहत राशि बढ़ाई गई थी। मौजूदा सरकार 2018 में धर्मस्वतंत्रता विधेयक पास कर चुकी है जिसके तहत जबरन या छद्म तरीके से अंतरधार्मिक विवाह पर सख्त सजा का प्रावधान है। वहीं सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि लव जिहाद की आड़ में सांप्रदायिकता कतई बर्दाश्त नहीं होगी। सरकार सम्बंधित GO को बदलने पर भी विचार कर रही है। देवभूमि के सांस्कृतिक स्वरूप को बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।
डीएम को संज्ञान में लिए बगैर अधिकारी ने जारी किया पत्र
दरअसल टिहरी गढ़वाल के अधिकारी जिनका नाम दीपांकर घिल्डियाल जो कि एक जिला समाज कल्याण अधिकारी है उन्होंने एक ऐसा आदेश जारी कर दिया जिससे राज्य में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई। हालांकि अधिकारी को यह जानकारी होनी चाहिए थी कि उत्तराखंड में 2018 में लव जिहाद पर कानून बनाया जा चुका है बावजूद इसके उन्होंने यह आदेश जारी किया है। वही यह आदेश के जारी हो जाने के बाद राज्य में अफवाह भी फैलने लगी है। जिसके बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रतिक्रिया दी। वहीं जिस अधिकारी ने पुराने विधेयक को नजरअंदाज करते हुए यह आदेश जारी किया है वह अधिकारी अब मीडिया से बातचीत भी नहीं कर रहा है और त्रिवेंद्र सरकार ने अधिकारी के इस पत्र पर भी इस पर अपना सख्त रुख दिखाया है
50 हजार इनाम राशि कांग्रेस के कार्यकाल में हुई थी और त्रिवेंद्र सरकार ने लव जिहाद के खिलाफ बनाया कानून
वहीं एक और लेटर है जिसमें बताया गया है कि 1976 के नियम में जो इनामी राशि 10000 थी उसे 2014 में हरीश रावत सरकार द्वारा 50000 कर दिया गया था। इस विज्ञप्ति में साफ-साफ लिखा है कि अंतर्जातीय या अंतरधार्मिक विवाहित दंपत्ति को प्रोत्साहन प्रदान करने संबंधित नियमावली 1976 के नियम 6 की पुरस्कार की धनराशि को संशोधित करते हुए 50,000 कर दी गई है। बता दें कि यह धनराशि पहले 10,000 हुआ करती थी लेकिन इसे हरीश रावत सरकार द्वारा बढ़ा दी गई।
बता दें कि उत्तराखंड में 2018 में ही धर्म स्वतंत्रता विधेयक आ चुका है वही दूसरे राज्य में यह विधेयक अब आ रहा है। उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो वहां अब लव जिहाद पर कानून बनने वाला है। इस समय लव जिहाद का मुद्दा पूरे देश भर में चर्चा का विषय बना हुआ है।