Loksabha Elections 2024: सपा के इस गढ़ में क्या बीजेपी की प्रतिष्ठा बचा पाएंगे ठाकुर जयवीर सिंह, आइए जानते हैं
मैनपुरी लोकसभा सीट सपा की गढ़ मानी जाती रही, पिछले कई चुनावों से यहां कभी भी सपा को हार का मुंह नहीं देखना पड़ा है। ऐसे में यहां पर बीजेपी के लिए सपा को हराना कड़ी चुनौती साबित होगी।
Mainpuri: लोकसभा चुनाव जैसे जैसे आगे बढ़ रहा है। सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं। दो चरणों का चुनाव हो चुका है, और बाकी अन्य चरणों का चुनाव होना शेष है। ऐसे में बीजेपी के लिए मैनपुरी सीट जोकि सपा की गढ़ मानी जाती रही है। जीतना किसी चुनौती से कम नहीं होगी। मैनपुरी से सपा ने डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया है। आइए करते हैं, चुनावी विश्लेषण।
सपा ने डिंपल यादव को दिया है टिकट
सपा के लिए सबसे सुरक्षित सीट कही जाने वाली मैनपुरी लोकसभा सीट पर इस बार मुलायम सिंह यादव की बहु और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव चुनाव लड़ रही हैं। ऐसे में डिंपल के सामने अपनी विरासत को बचाने की चुनौती होगी। हालांकि, सपा के लिए यह सीट बचा पाना कोई कठिन काम नहीं है, क्योंकि पिछले दो चुनावों में भाजपा की प्रचंड लहर में भी यह सीट सपा ने ही जीती थी। पिछले लोकसभा चुनाव 2019 की बात करें तो इस सीट पर समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव चुनाव लड़े थे। उन्होंने भाजपा के प्रेम सिंह शाक्य को हराकर जीत दर्ज की थी। लेकिन उनके निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ और डिंपल यादव को सपा ने टिकट दिया, जिसका परिणाम यह हुआ कि, डिंपल यहां से बड़ी जीत दर्ज की। अब एक बार फिर से डिंपल मैनपुरी के चुनावी रण में उतर चुकी हैं।
भाजपा से ठाकुर जयवीर सिंह को मिला टिकट
तो वहीं भाजपा ने राज्य सरकार में मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह को टिकट देकर मुकाबले को रोचक बना दिया है। ठाकुर जयवीर सिंह फिरोजाबाद के निवासी हैं। ग्राम प्रधानी का चुनाव लड़कर अपनी राजनीति प्रारंभ करने वाले जयवीर पहले कांग्रेस में थे और 2002 के चुनाव में पहली बार मैनपुरी के घिरौर से विधायक चुने गए थे। उसके बाद फिर वह इसी सीट से विधायक चुने गए। बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए और 2022 के चुनाव में मैनपुरी सदर सीट से भाजपा से विधायक चुने गए। प्रदेश सरकार में वह मंत्री हैं, और उनके पास वर्तमान में पर्यटन विभाग की जिम्मेदारी है। ऐसे में डिंपल यादव को हराना उनके लिए बहुत बड़ी चुनौती होगी।
जानिए मैनपुरी का जातीय समीकरण
पिछड़ी जातियों के वर्चस्व वाले इस सीट पर सबसे ज्यादा संख्या यादव वोटरों की है। यहां पर यादव वोटर्स की संख्या 3.5 लाख है। राजपूत वोटर्स यहां 1.5 लाख है। शाक्य वोटर्स की संख्या 1.6 लाख है। ब्राह्मण 1.2 लाख, जाटव 1.4 लाख तो बड़ी संख्या में मुस्लिम वोटर भी इस सीट पर हैं।