Loksabha Elections 2024: बागपत में क्या जयंत चौधरी की प्रतिष्ठा बचा पाएंगे राजकुमार, आइए जानते हैं
इस बार बागपत के रण में चौधरी परिवार का कोई भी सदस्य चुनाव मैदान में नहीं है। NDA गठबंधन ने यहां से RLD के राजकुमार सांगवान को टिकट दिया है तो सपा ने अमरपाल शर्मा को
Baghpat: कभी मेरठ जिले का हिस्सा रहे बागपत का इतिहास बहुत ही ऐतिहासिक है। महाभारत में जब पांडव का शांतिदूत बनाकर कृष्ण धृतराष्ट्र के पास गए थे और पांच गावों की मांग की थी। उनमें से एक गांव बागपत भी था। यहां बाघों का निवास होने की वजह से इसका प्राचीन नाम “व्याघ्रप्रस्थ” था।
NDA ने राजकुमार सांगवान को दिया है टिकट
इस बार बागपत की जंग बहुत ही रोचक होने वाली है, क्योंकि इस बार यहां से चौधरी परिवार का कोई भी सदस्य चुनाव नहीं लड़ रहा है। जयंत चौधरी राज्यसभा के सदस्य हैं। ऐसे में NDA गठबंधन में शामिल RLD ने अपने राष्ट्रीय महासचिव राजकुमार सांगवान को टिकट दिया है। देखा जाए तो यहां पर जयंत चौधरी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।
पिछली बार जयंत चौधरी इस सीट से चुनाव हार गए थे। उन्हें भाजपा के सत्यपाल सिंह ने हरा दिया था। तो 2014 के चुनाव में चौधरी अजीत सिंह चुनाव लड़े थे और उनको भी भाजपा के सत्यपाल सिंह ने चुनाव हराया था। लेकिन इस बार परिस्थितियां बदली हुई हैं और अब RLD का गठबंधन भाजपा के साथ है और बागपत की सीट RLD के खाते में गई है।
इंडिया गठबंधन से अमरपाल शर्मा चुनाव लड़े हैं
इंडिया गठबंधन के अंतर्गत यह सीट सपा को मिली है। ऐसे में सपा ने यहां से पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा को चुनाव लड़वाया है। पहले यहां से मनोज चौधरी को सपा ने टिकट दिया था। लेकिन जातीय समीकरण में फिट न बैठने की वजह से सपा ने वहां टिकट बदलकर ब्राह्मण प्रत्याशी अमरपाल शर्मा को टिकट दे दिया है। बसपा ने यहां से गुर्जर कार्ड खेलते हुए प्रवीण बैंसला को टिकट देकर लड़ाई को रोचक बना दिया है।
बागपत का जातीय समीकरण
बागपत लोकसभा सीट पर कुल 16 लाख 56 हजार 648 वोटर हैं। इसमें सबसे ज्यादा वोट मुस्लिमों का करीब 4 लाख है तो जाट साढ़े 3 लाख के करीब हैं। गुर्जर वोटर सवा लाख तो ब्राह्मण वोटर डेढ़ लाख के करीब हैं। दलित वोटर यहां 1 लाख 80 हजार के करीब हैं।