Loksabha Elections 2024: तालीम की नगरी अलीगढ़ में होगा त्रिकोणीय मुकाबला, क्या सतीश गौतम लगा पाएंगे हैट्रिक,आइए जानते हैं
भाजपा ने सतीश गौतम को तीसरी बार टिकट तो सपा ने पूर्व सांसद चौधरी बिजेन्द्र सिंह को टिकट दि है तो बसपा ने भगवा छोड़कर आए बंटी उपाध्याय पर दांव लगाया है
अलीगढ़: तालों के लिए विश्वप्रसिद्ध शहर, तालीम और तहजीब की नगरी अलीगढ़ में इस बार त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिल रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का गढ़ कहे जाने वाला अलीगढ़ में क्या सतीश गौतम तीसरी बार जीत की हैट्रिक लगा पाएंगे और कल्याण सिंह की विरासत बचा पाएंगे? यह देखना दिलचस्प होगा।
जीत की हैट्रिक लगाने में जुटे सतीश गौतम
भाजपा ने एक बार फिर से सतीश गौतम पर दांव लगाया है। पिछले दो चुनावों से लगातार जीतते आ रहे सतीश इस बार जीत की हैट्रिक लगाने का दावा कर रहे हैं। 2019 लोकसभा चुनाव की बात करें तो भाजपा के सतीश गौतम को 6.56 लाख वोट मिले थे तो बसपा के अजीत बालियान को 4.26 लाख वोट कांग्रेस के चौधरी विजयेंद्र सिंह तीसरे स्थान पर थे। इस तरह यह सीट भाजपा ने करीब 2 लाख वोटों से जीत ली थी।
बसपा ने बंटी उपाध्याय को दिया है टिकट
कभी भाजपा की मुखालफत करने वाले बंटी उपाध्याय को बसपा ने अपने हाथी का सारथी बनाया है। टिकट न मिलने से नाराज चल रहे बंटी को बसपा ज्वाइन करते ही टिकट मिल गया। बंटी की जनता में अच्छी पकड़ मानी जाती है।
चौधरी विजेंद्र सिंह हैं सपा-कांग्रेस के संयुक्त प्रत्याशी
पिछली बार भी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लडे पूर्व सांसद चौधरी विजेंद्र सिंह को इस बार भी इंडिया के संयुक्त गठबंधन ने अपना प्रत्याशी घोषित किया है। कुर्मी बेल्ट में अच्छी पकड़ रखने वाले विजेंद्र अच्छी छवि के नेता माने जाते हैं।
जानिए अलीगढ़ का जातीय समीकरण
इस लोकसभा में मतदाताओं की कुल संख्या करीब 20 लाख के आसपास है। यहां पर करीब 2.5 लाख जाट, 1.5 लाख ब्राह्मण, 3 लाख मुस्लिम, 2 लाख जाटव, 2 लाख ठाकुर, 1 लाख बघेल, 1 लाख वैश्य, 1 लाख लोध और 1 लाख यादव जाति के लोग हैं तथा अन्य जातियों की संख्या करीब 5 लाख के आसपास है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि अलीगढ़ की जनता किसका फूलों का हार पहनाती है।