Loksabha Elections 2024: दिलचस्प है गाजियाबाद का चुनावी रण, बीजेपी के अतुल गर्ग के सामने हैं कांग्रेस की डॉली शर्मा
बीजेपी ने इस बार जनरल वीके सिंह का टिकट काटकर अतुल गर्ग को प्रत्याशी बनाया है
गाजियाबाद: दूसरे चरण का चुनाव 26 अप्रैल को होगा। ऐसे में यूपी की 8 सीटों पर भी चुनाव होने हैं। ये सीटें अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा हैं। अब बात गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र की करें तो यहां से दो बार के सांसद रहें केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह का टिकट काटकर बीजेपी ने विधायक और पूर्व राज्यमंत्री अतुल गर्ग को टिकट दिया है। कायस्थ जाति से आने वाले अतुल गर्ग की स्थिति बेहतर मानी जा रही है, क्योंकि जातिगत समीकरण उनके पक्ष में है। हालांकि, वीके सिंह का टिकट कटने के बाद ठाकुर बिरादरी में नाराजगी देखी गई थी और लोग बीजेपी का विरोध कर रहे थे। लेकिन अब काफी हद तक स्थिति को संभाल लिया गया है और ठाकुरों को मना लिया गया है। अब दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन की तरफ से घोषित प्रत्याशी कांग्रेस की फायरब्रांड प्रवक्ता डॉली शर्मा की करें तो वह भी कहीं से भी कमजोर नहीं दिख रही हैं। डॉली कमजोर इसलिए नहीं दिख रही हैं, क्योंकि उनको इंडिया गठबंधन के घटक दलों का पूरा समर्थन मिल रहा है, और इसका फायदा उन्हें मिल रहा है। तो वहीं बसपा ने नंद किशोर पुंडीर को अपना उम्मीदवार बनाया है। लेकिन मुख्य मुकाबले में अतुल और डॉली ही हैं।
हिंदू बाहुल्य लोकसभा क्षेत्र है गाजियाबाद
गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र की करें तो यह लोकसभा हिंदू बाहुल्य है। यहां पर 72 फीसदी आबादी हिंदू और 25 फीसदी आबादी मुस्लिम की है। यहां पर दलित वोटर निर्णायक भूमिका में रहते हैं तो ब्राह्मण, वैश्य, गुर्जर, ठाकुर, पंजाबी और यादव वोटरों की भी अच्छी संख्या हैं।
जानिए डॉली शर्मा के बारे में
इंडिया गठबंधन की संयुक्त प्रत्याशी कांग्रेस की डॉली शर्मा एक प्रवक्ता हैं और न्यूज डिबेटों में कांग्रेस का पक्ष रखते नजर आती हैं। वर्ष 2017 से राजनीति की शुरुआत करने वाली डॉली 2019 में भी लोकसभा चुनाव लड़ी थीं और बीजेपी के वीके सिंह से हारकर तीसरे नंबर पर पहुंच गई थीं।
जानिए अतुल गर्ग के बारे में
पूर्व स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग दो बार विधायक रहे हैं और पिछली भाजपा सरकार में स्वास्थ्य राज्यमंत्री भी रह चुके हैं। वर्ष 2017 में उन्होंने अपने विपक्षी प्रत्याशी को लगभग 70 हजार वोटों से हराया था तो 2022 में करीब 1 लाख वोटों से जीत दर्ज कर इतिहास रचा था। बड़ी संख्या में हिंदू आबादी होने का लाभ इनको मिलना तय है।
आइए जानते हैं नंद किशोर पुंडीर के विषय में
मूलत: मुजफ्फरनगर के निवासी नंद किशोर पुंडीर पेशे से ठेकेदार हैं और बड़े पूंजीपति हैं। हालांकि, अतुल गर्ग और डॉली शर्मा जैसे राजनीतिक कद इनका नहीं है लेकिन फिर भी इन्होंने बसपा से टिकट पाकर एक कड़ी चुनौती पेश की है।