Loksabha Elections 2024: गिरते मतदान प्रतिशत से बीजेपी परेशान, अब ऐसे में क्या करे हाईकमान, जिससे मिल सके सत्ता में वापसी का वरदान
भाजपा नेताओं का कहना है कि, मतदान का गिरता प्रतिशत इस बात का संकेत नहीं है कि, भाजपा के खिलाफ कोई लहर है।
लोकसभा चुनाव 2024 गतिमान है। दो चरणों का चुनाव हो चुका है। अभी 5 चरण के चुनाव बाकी हैं। ऐसे में दो चरणों में हुई कम वोटिंग ने भाजपा की चिंता को बढ़ा दिया है। पार्टी ने अपने बूथ अध्यक्षों से कहा है कि, वह किसी भी तरह वोटरों को बूथ तक पहुंचाएं।
भाजपा ने राज्य इकाइयों पर की सख्ती
चुनाव प्रतिशत कम होने से नाराज भाजपा ने अपने राज्य इकाइयों पर सख्ती की है और चुनाव की निगरानी कर रहे राज्य प्रभारियों से विस्तृत स्पष्टीकरण मांगा है। जैसा कि विदित है कि, यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में कम मतदान हुआ है। इसीके चलते पार्टी ने यह कठिन निर्णय लिया है।
कम मतदान सत्ता पक्ष के खिलाफ नहीं
भाजपा के शीर्ष नेताओं का कहना है कि, ‘कम मतदान का मतलब यह भी हो सकता है कि जो मतदाता विपक्ष और उसकी दिशा और नेतृत्व की कमी से निराश हैं, वे वोट देने के लिए नहीं आ रहे हैं। कम मतदान का यह मतलब कतई नहीं है कि, लोग सत्तारूढ़ दल के प्रति उदासीन हैं और उसे चुनाव में हराना चाहते हैं।’ जबकि पार्टी के कुछ नेताओं ने भयंकर गर्मी में वोट पड़ने और शहरी मतदाताओं के वोट के दिन छुट्टी होने पर घर से न निकलने की वजह को भी जिम्मेदार माना है। तो वहीं कुछ नेताओं ने राज्य इकाइयों की सुस्त कार्यप्रणाली पर चिंताएं भी जताई हैं।
जानिए कहां कम पड़ा मतदान
उत्तर प्रदेश जहां लोकसभा की 80 सीटें हैं। ऐसा माना जाता है की सत्ता का रास्ता यूपी से ही होकर जाता है। ऐसे में वहां भी कम मतदान भाजपा में चिन्ता का विषय बना हुआ है। दूसरे चरण में यहां 54.85 प्रतिशत वोट हुआ है, जहां की 2019 में 62% वोट पड़ा था। लोकसभा सीट की बात करें तो गाजियाबाद में 49.65% वोट पड़ा, मथुरा में 49.29%, अलीगढ़ में 56.62%, बुलन्दशहर में 55.79%, गौतमबुद्ध नगर में 53%, अलीगढ़ में 56.62% तो बागपत में 55.97% वोट पड़ा है, जोकि 2019 के मुकाबले काफी कम है।
इसी तरह राजस्थान में 61.60% मतदान हुआ जहांकी 2019 में 66.07% मतदान हुआ था। मध्य प्रदेश में भी कम मतदान बीजेपी के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।