“लोकसभा सत्र 2024: अनुराग ठाकुर के बयान पर पीएम मोदी ने की तारीफ, बोले- ‘सबको सुनना चाहिए'”
"पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के बयान पर पीएम मोदी ने की तारीफ, बोले- 'यह बयान तथ्यों से भरा है और I.N.D.I.A अलायंस की गंदी राजनीति को उजागर करता है'; बयान के बाद अखिलेश यादव से तीखी बहस भी देखने को मिली"
पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के बयान पर पीएम मोदी की तारीफ: ‘तथ्यों से भरा और I.N.D.I.A अलायंस की गंदी राजनीति को उजागर करता है’; बयान के बाद अखिलेश यादव से तीखी बहस
नई दिल्ली – संसद का मौजूदा सत्र राजनीति के गर्म माहौल से भरा हुआ है, और इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का हालिया बयान विशेष रूप से सुर्खियों में है। ठाकुर ने हाल ही में एक बयान दिया जिसमें उन्होंने I.N.D.I.A अलायंस की राजनीति पर तीखी आलोचना की। उनके इस बयान ने न केवल राजनीति में हलचल मचा दी, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी प्रशंसा प्राप्त की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर अनुराग ठाकुर के बयान की सराहना की और इसे तथ्यों से भरा हुआ और स्पष्ट रूप से I.N.D.I.A अलायंस की गंदी राजनीति को उजागर करने वाला करार दिया। मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, “अनुराग ठाकुर का बयान तथ्यों से भरा है और यह I.N.D.I.A अलायंस की गंदी राजनीति को उजागर करता है। इस बयान को सभी को सुनना चाहिए और राजनीति की वास्तविकताओं को समझना चाहिए।”
अनुराग ठाकुर ने अपने बयान में आरोप लगाया कि I.N.D.I.A अलायंस में शामिल पार्टियां जनता के मुद्दों से ध्यान हटाकर गंदे राजनीतिक खेल खेल रही हैं। उनका कहना था कि यह गठबंधन जनता की समस्याओं का समाधान करने के बजाय केवल सत्ता की राजनीति में व्यस्त है। ठाकुर ने इस गठबंधन की नीतियों और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गंभीर सवाल उठाए, जो उन्होंने खुद को सच्चाई और ईमानदारी के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया।
ठाकुर का बयान उस समय आया जब उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने I.N.D.I.A अलायंस का समर्थन किया और ठाकुर की आलोचना की। इसके बाद, ठाकुर और यादव के बीच तीखी बहस हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर तीखे आरोप लगाए और एक-दूसरे की नीतियों को निशाना बनाया। इस बहस ने संसद परिसर में राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया और विभिन्न मीडिया चैनलों पर प्रमुखता से प्रसारित किया गया।
प्रधानमंत्री मोदी की सराहना ने ठाकुर के बयान को और भी अधिक महत्वपूर्ण बना दिया है, और अब इसे भारतीय राजनीति के एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है। मोदी की प्रतिक्रिया ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सत्ताधारी पार्टी इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और विरोधी गठबंधन की आलोचना में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।
यह स्थिति दर्शाती है कि भारतीय राजनीति में मतभेद और बहस कितनी गहरी हो सकती है, और कैसे एक बयान या टिप्पणी पूरे राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकती है। अगले दिनों में इस परिदृश्य में और भी हलचल और बदलाव देखने को मिल सकते हैं।