B.R.Ambedkar के अपमान के आरोप पर हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही स्थगित
B.R.Ambedkar की प्रतिमा के सामने अपमानजनक टिप्पणियाँ की हैं। उनके मुताबिक, यह टिप्पणी भारतीय संविधान के निर्माता के प्रति एक गहरी अवहेलना थी
B.R.Ambedkar 2024 के शीतकालीन सत्र का समापन शुक्रवार, 20 दिसंबर को लोकसभा में भारी हंगामे के बीच हुआ। इस दिन लोकसभा की कार्यवाही को सिन्डे डाई (अनिश्चितकाल के लिए स्थगित) कर दिया गया। यह निर्णय विपक्ष और सरकारी पक्ष दोनों की तरफ से बी.आर. आंबेडकर के खिलाफ कथित अपमान पर किए गए विरोध प्रदर्शन के कारण लिया गया। इन प्रदर्शनकारियों ने आंबेडकर के प्रति कथित असम्मान के मुद्दे को लेकर संसद भवन में जोरदार हंगामा किया।
2. हंगामे की वजह
विपक्षी दलों और सत्ता पक्ष के सांसदों के बीच इस मुद्दे को लेकर तीखी नोकझोंक हुई। विपक्षी सांसदों का आरोप था कि सरकार ने बी.आर. आंबेडकर B.R.Ambedkar की प्रतिमा के सामने अपमानजनक टिप्पणियाँ की हैं। उनके मुताबिक, यह टिप्पणी भारतीय संविधान के निर्माता के प्रति एक गहरी अवहेलना थी। इसके बाद, कई सांसदों ने संसद के भीतर और बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
3. स्पीकर का निर्देश
संसद की कार्यवाही के दौरान, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने संसद के द्वारों पर प्रदर्शन करने के खिलाफ कड़े निर्देश जारी किए। उन्होंने सांसदों से कहा कि वे संसद के किसी भी द्वार पर प्रदर्शन न करें। इस निर्देश के बावजूद, विपक्षी सांसद अपनी जगह पर अडिग रहे, और हंगामे के चलते कार्यवाही में बाधा उत्पन्न हुई।
4. ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर प्रस्ताव
जब लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, तो अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को एक प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया। इस प्रस्ताव में उन्होंने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के प्रस्तावों पर चर्चा के लिए संसद की संयुक्त समिति गठित करने का सुझाव दिया। हालांकि, इस प्रस्ताव के दौरान भी लोकसभा में हंगामा जारी रहा, और इसके परिणामस्वरूप कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
5. बी.आर. आंबेडकर का योगदान
डॉ. भीमराव आंबेडकर B.R.Ambedkar भारतीय समाज के महान नेता थे जिन्होंने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया। उनके योगदान को लेकर पूरे देश में एक गहरी श्रद्धा है। आंबेडकर ने भारतीय समाज में जातिवाद, असमानता और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ संघर्ष किया। उनके प्रति कोई भी अपमान भारतीय राजनीति और समाज में बड़ी संवेदनाओं को जन्म देता है, जिसे देखकर संसद के अंदर और बाहर हंगामा हुआ।
6. विरोध और सरकार का रुख
विपक्षी दलों ने B.R.Ambedkar के अपमान का मुद्दा प्रमुखता से उठाया, जबकि सरकार ने इस आरोप से इनकार किया। दोनों पक्षों के बीच तीखी नोंक-झोंक के बीच, लोकसभा अध्यक्ष ने सत्र को स्थगित करने का निर्णय लिया। इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो गया कि संसद में किसी भी प्रकार के मुद्दे पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।
“One Nation , One Election के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की हुई शुरुआत”
लोकसभा का शीतकालीन सत्र इस बार राजनीतिक हंगामे और विवादों के कारण सुर्खियों में रहा। बी.आर. आंबेडकर के प्रति कथित अपमान को लेकर उठे मुद्दे ने विपक्ष और सरकार के बीच तीव्र टकराव उत्पन्न किया। संसद की कार्यवाही स्थगित होने के बावजूद, यह मुद्दा और अधिक गरमाया हुआ प्रतीत होता है और आने वाले समय में इस पर और भी बहस होने की संभावना है।