वुहान लैब के डायरेक्टर का बड़ा खुलासा, लैब में मौजूद था जीवित कोरोना ! covid-19 को लेकर चीन फिर कटघरे में
- चीन का एक बार फिर हुआ राज़फाश
- कोरोना वायरस को लेकर चीन फिर कटघरे में
- वुहान लैब के डायरेक्टर का बड़ा खुलासा
- वुहान की वायरोलॉजी लैब में मौजूद थे जीवित कोरोना स्ट्रैन
दुनिया चीन को दिया हुआ ज़ख्म झेल रही हैं और चीन अपने आपको मजबूत करने में जुटा हुआ हैं। चीन की वुहान से निकले कोरोना वायरस ने जहां दुनिया की रफ्तार को थाम दिया हैं। वही सबसे पहले कोरोना वायरस का शिकार हुआ चीन अब दोड़ने लगा हैं। भारत में जहां कोरोना ने हज़ारों मजदूरों को सड़को पर लाकर खड़ा कर दिया हैं। वही चीन में लोग अब दफ्तरों में लौट आए हैं। ऐसे में दुनिया को कोरोना जैसा नासूर देने वाला चीन जब अपनी पुरानी रफ्तार पकड़ रहा हैं, तो ऐसे में दुनिया के सभी शक्तिशाली देश अब चीन को शक के घेरे में लेने लगे हैं।
चीन जिस तरह से पहले अपने यहां कोरोना वायरस के कारण हुई मौतों पर झूठ बोलता आ रहा हैं फिर दुनिया की सूपर फाइव आई ने जब चीन से कोरोना वायरस की जांच में साथ देने की बात कही तो चीन उसमें भी आनाकानी करता रहा है ऐसे में चीन पर दुनिया का शक लगातार गहराता गया हैं। चीन कोरोना वायरस पर अपनी गलती मानने को बिल्कुल भी तैयार नही है जबकि अमेरिका कोरोना वायरस पर लगातार चीन को ज़िम्मेदार ठहराता आ रहा हैं।
ऐसे में चीन के वुहान शहर की वायरोलॉजी लैब के डायरेक्टर के एक बड़े खुलासे ने चीन की मंशा पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। चीनी वायरोलॉजी संस्थान के निदेशक वांग यनि ने कहा है कि कोरोना महामारी की जड़़ बैट कोरोना के तीन स्ट्रेन लैब में तीन स्ट्रेन जीवित थे। लेकिन इसमें से कोई भी इस नई वैश्व्विक महामारी से मेल नही खाता। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और अन्य लोगों द्वारा वायरस को लेकर जो आरोप लगाए जा रहे हैं वो पूरी तरह मनगढ़ंत हैं। वांग यनी ने कहा कि वो वायरलॉजी के केंद्र पूरी तरह अलग जगह पर है जहां चमगादड़ों में कुछ कोरोना वायरस पाया गया था। वायरोलॉजी संस्थान के निदेशक वांग यनि ने कहा है कि ‘अब हमारे पास जीवित वायरस के तीन स्ट्रेन थे, लेकिन SARS-CoV-2 के लिए उनकी उच्चतम समानता केवल 79.8 प्रतिशत तक है।”
.लेकिन अमेरिका और दूसरे शक्तिशाली देशों को वुहान संस्थान के निदेशक की बातों पर ज्यादा यकीन नही हैं।
वैज्ञानिकों को लगता है चीन के वुहान शहर में पहली बार यह वायरस चमगादड़ों में उत्पन्न हुआ और एक अन्य स्तनीयजन्तु के जरीए से लोगों के बीच फैला। इस महामारी की वजह से अब तक दुनिया भर में 340,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं बता दे कि प्रोफेसर शि झेंगली की अगुवाई में उनकी एक शोध टीम 2004 से बैट कोरोना वायरस पर शोध कर रही है और लगभग दो दशक पहले एक अन्य वायरस के प्रकोप के पीछे “सार्स के स्रोत ट्रेसिंग” पर यह शोध केंद्रित है। लेकिन चीन के वुहान शहर से कोरोना वायरस संक्रमण फैलने की शुरुआत होने के बाद चीन पूरी दुनिया के निशाने पर है। वुहान लैब के निदेशक के साथ कई चीनी अधिकारी कोरोना वायरस को लेकर सफाई दे चुके हैं लेकिन दुनिया की जांच एजेंसी चीन में कोरोना वायरस की जड़ तक पहुचने की कोशिशों में जुटी हुई हैं।
https://youtu.be/pBHf3ofbJxI