कागज में मरा व्यक्ति, आजमगढ़ की तरह मिर्जापुर में भी
मिर्जापुर : चौंकिए मत। यदि सब कुछ ठीक रहा तो रधुनाथ गुप्ता दो तीन दिन में जिंदा हो जायेगे।
70 वर्षीय रधुनाथ जिले के चील्ह गांव निवासी है।
सरकारी अमला ने कागजों में उन्हें मृत घोषित कर दिया है।
रधुनाथ के साथ सब कुछ ठीक चल रहा था।
कोरोना महामारी के संकट ने पुत्र आशू गुप्ता की नौकरी छीन ली। वहीं उसे सरकारी स्तर पर मृत घोषित कर दिया गया।
कागज(Kaagaz) में वह मर चुका है, इसका पता तब चला जब पेंशन मिलना हुई बंद –
उसे मिलने वाली सरकारी स्तर के लाभ मिलने बंद हो गये।
जिसमें पेंशन भी शामिल है। जब इसका कारण पता किया तो पता चला कि वह मर चुका है।
रधुनाथ के पैरों से जमीन खिसक गयी। वह जिंदा होने के लिए लड़ाई शुरू की।
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मामला जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार तक पहुँचा ।
जिलाधिकारी के तेवर देख समाज कल्याण विभाग तथा गांव पंचायत अधिकारी भी सक्रिय हो गये।
अब सब सफाई दे रहे हैं। जिलाधिकारी ने खण्ड विकास अधिकारी अमित शुक्ला को जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
जांच अधिकारी ने गांव के प्रधान कुटुम्ब रजिस्टर के साथ परिवार और गांव के लोगों के साक्ष्य को देख दंग रह गये।
उन्होंने भुक्तभोगी को आश्वस्त किया कि दो दिन में कागज में भी जिंदा हो जायेगे। अधिकारी के आश्वासन के बाद वह प्रसन्न नजर आया।
खण्ड विकास अधिकारी अमित शुक्ल ने बताया कि रधुनाथ गुप्ता को मृत दिखाने वाले पर कार्रवाई की जाएगी।
गांव के बैजनाथ यादव सहित दो तीन वृद्ध व्यक्तियों को भी सरकारी कागज पर मृत दिखाया गया है ।
जांच अधिकारी ने बताया कि सभी को फिर से सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जायेगा। साथ ही साथ अन्य योजनाओं में भी शामिल किया जायेगा।
रधुनाथ सहित अन्य लोगों को आवास शौचालय उज्ज्वला आदि का भी लाभ मिलेगा।
गांव के पंचायत अधिकारी हरिशंकर पाण्डेय ने बताया कि परिवार रजिस्टर में रधुनाथ जिंदा है।
उन्होंने बताया कि खंड विकास अधिकारी और समाज कल्याण विभाग जांच कर रहा है। जांच रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा।