औचक निरीक्षण के दौरान 8 बसों के लायसेंस रद्द
मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में औचक निरीक्षण के दौरान जिला प्रशासन द्वारा 8 बसों के लायसेंस निरस्त किये गये। परिवहन नियमों के विरुद्ध वाहन संचालन के लिये 9 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने पूरे प्रदेश में यात्री वाहनों की चैकिंग को एक अभियान के रूप में चलाये जाने के निर्देश दिये थे। इसी अनुक्रम में शहडोल जिले में यह कार्यवाही की गई।
कलेक्टर सत्येन्द्र सिंह द्वारा शहडोल स्थित राजीव गाँधी बस अड्डे पर यात्री बसों की फिटनेस आदि का निरीक्षण किया गया। उन्होंने निर्देशित किया कि बसों में ड्रायवर एवं कंडेक्टर ड्रेस में रहें, साथ ही उनका नेम प्लेट भी होना चाहिये। बसों में किराया सूची, परमिट के साथ-साथ फायर सुरक्षा उपकरण एवं मेडिकल किट आवश्यक रूप से रखे जायें।
कलेक्टर ने बसों में आपातकालीन गेट व्यवस्था रखने के साथ-साथ गाड़ी में जितनी सवारियों की सीट है, उतनी ही सवारी बैठायी जाये। यह सुनिश्चित करने के निर्देश जिला परिवहन अधिकारी को देते हुए कहा कि जिले के सभी बस संचालकों की बैठक लेकर शासन के मापदण्डों एवं दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने बसों के अंदर स्वयं जाकर इमरजेंसी गेट व्यवस्था, मेडिकल किट व्यवस्था, फायर सुरक्षा व्यवस्था आदि का अवलोकन किया।
कलेक्टर श्री सिंह ने कंडक्टर-ड्रायवर को ड्यूटी के दौरान नशा न करने की हिदायत दी। उन्होंने बस संचालकों से कहा कि कंडक्टर एवं ड्रायवर का पुलिस वेरिफिकेशन कराना भी सुनिश्चित करें, जिससे यह स्पष्ट हो कि आपराधिक प्रवृत्ति के न हो। औचक निरीक्षण में बस स्टेण्ड पर अनावश्यक रूप से खड़ी बसों से दो हजार 300 रुपये जुर्माने के रूप में वसूले गये। उन्होंने कहा कि परिवहन नियमों के निर्धारित मापदण्डों का पालन किया जाये। बसों को नियंत्रित गति से चलायें, जिससे ड्रायवर-कंडक्टर अपनी सुरक्षा के साथ यात्रियों के जान-माल को भी सुरक्षित गंतव्य तक पहुँचा सकें।