छत्तीसगढ़ में किसान परेड के समर्थन में वामदलों ने निकाली बाइक रैली
61 दिनों से दिल्ली के विभिन्ना सीमाओं पर तीनों कृषि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी करते हुए कानून बनाने की मांग को हंगामा चल रहा है।
किसानों के ट्रैक्टर परेड के समर्थन में भिलाई के वामपंथी दल एवं जन संगठनों ने बाइक रैली निकाली।
भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारी भी शामिल हुए। इक्विपमेंट चौक सेक्टर-1 से सेक्टर-9 अस्पताल चौक तक बाइक रैली निकालकर सरकार की नीतियों का विरोध किया।
बाइक रैली निकालने सेे पहले उपस्थित हुए सभी दलों के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के किसान आंदोलन में पिछले 61 दिनों में शहीद हुए 157 लोगों को श्रद्धांजलि दी।
इसके बाद संविधान की उद्देशिका को पढ़कर हर हाल में संविधान एवं देश की रक्षा की शपथ ली।
वाम नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के जनवादी आंदोलन पर जिस तरह से बर्बरता पूर्ण कार्रवाई कर रही है वह निंदनीय है।
वाम नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली में जुटे किसानों को कभी खालिस्तानी बता रही है तो कभी आतंकवादी बता रही है।
केंद्र सरकार यह बताए कि यदि वे हमारे किसान नहीं हैं तो फिर हमारे सर्वोच्च न्यायालय ने कुछ समय के लिए तथा खुद कृषि मंत्री तक ने कृषि कानूनों को डेढ़ वर्षों के लिए स्थगित रखने का प्रस्ताव किसानों के सामने क्यों रखा?
साथ ही केंद्र सरकार यह भी बताए कि सरकार देश के मेहनतकश किसानों के साथ है या देश को लूट कर अकूत मुनाफा कमाने वाले पूंजी पतियों के साथ है, क्योंकि पूरे देश में कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार बढ़ रहे विरोध के बावजूद इन कानूनों को वापस न लेकर किसानों को गुमराह करना सरकार के पूंजीपति परस्त होने के मंशा को उजागर कर रहा है।