गाड़ी और घोड़ी छोड़ बैलगाड़ी से निकली बारात अजीबो–गरीब विषय बना…
उत्तर प्रदेश –उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक शादी ने गुजरे जमाने की याद दिला दी। अपनी दुल्हन को लेने दूल्हा बैलगाड़ी पर सवार होकर पहुंचा उत्तर प्रदेश में वर्षों पहले बैलगाड़ी से बारात जाने का परंपरा थी, जो अब 21वीं सदी में गुजरे जमाने की बात हो गई है। कुछ परिवार आज भी पुरानी परंपरा निभाते आ रहे हैं।उसी क्रम में डीजल पेट्रोल की बढ़ी कीमतों को देखते हुए एक पिता ने अपने बेटे की शादी कर पुरानी परंपरा की याद दिला दी। दूल्हा पारंपरिक वेशभूषा में बैलगाड़ी से बारात लेकर पहुंचा। शादी में उपयोग होने वाले प्लास्टिक की बजाय देशी चीजों का इस्तेमाल किया गया। यह शादी समारोह जिले सहित आसपास के इलाके में चर्चा का विषय बना गया।
नवजवानों ने देखकर मजाक भी बनाया तो बुजुर्गों ने तारीफ भी की,कहा ऐसी शादियों में खर्चे न के बराबर होते हैं।बीएमडब्ल्यू और महंगी गाड़ियों के जमाने में दूल्हा बैलगाड़ी से बारात लेकर पहुंचा।लेकिन वही जगतपुर क्षेत्र के शंकरपुर गांव निवासी हीरालाल की पुत्री रेनू की बारात बैलगाड़ी और ढेरों बारातियों संग जब जगतपुर कस्बे से होकर जा रही थी। लोगों की भीड़ अपने दरवाजे और छतों पर उत्साह पूर्वक खड़े होकर देखते नजर आए ।
सजी बैलगाड़िया बैल के खन खन करते घुंघरू आकर्षण का केंद्र बने हुए थे। लोग सड़क के किनारे तो कुछ लोग छतों पर खड़े होकर बैलगाड़ी पर जा रहे दूल्हे राजा व बारातियों को लगातार निहारते नज़र आ रहे थे।आगे-आगे गाना बजाना और महिलाओं के संगीत तथा कीर्तन तो पीछे –पीछे बैल गाड़ियों का काफिला जा रहा था। इस प्राचीन परंपरा को देख कर के लोग बहुत खुश नजर आ रहे थे।