जानें कैसे मिलेगा आपको कोरोना का टीका
कोरोना के ख़िलाफ़ वैक्सीन का इंतज़ार कर रहे लोगों के लिए खुशखबरी है. मोदी सरकार ने वैसे सभी लोगों को वैक्सीन लगाने को मंज़ूरी दे दी है जिनकी उम्र 60 साल से ऊपर है. साथ ही उन लोगों को भी टीका देने को मंज़ूरी दे दी गई है जिनकी उम्र 45 साल से ऊपर है लेकिन उसके साथ उन्हें कोई बीमारी भी है. कैबिनेट की बैठक में ये फ़ैसला लिया गया कि 1 मार्च से इन लोगों को टीकाकारण शुरू कर दिया जाएगा. क़रीब 10 हज़ार सरकारी और 20 हज़ार प्राइवेट केंद्रों पर एक साथ टीकाकरण का ये चरण शुरू किया जाएगा.
लोगों के पास सरकारी या प्राइवेट केंद्रों में से किसी पर भी टीका लगवाने का विकल्प रहेगा. सरकारी केंद्रों पर मुफ़्त में टीका लगेगा जबकिं प्राइवेट केंद्रों पर टीका लगवाने का पैसा लगेगा. कैबिनेट के इस फैसले पर सूचना प्रसारण मंत्री ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय अगले दो तीन दिनों में वैक्सीन के दाम को लेकर फ़ैसला करेगा.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय उन बीमारियों की सूची तैयार कर रहा जिसे कोमोरबीडीटी लिस्ट में शामिल किया जाए. यानी 45 साल ज्यादा वो लोग जिन्हें ये बीमारी है और उन्हें कोरोना का टीका लगवाना है.
बीमारियों की लिस्ट
– क्रोनिक रेस्पिरेटरी डिजीज
– क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पलमोनरी डिजीज
– सीवियर अस्थमा
– क्रोनिक हार्ट डिजीज और वैस्कुलर डिजीज
– किडनी की बीमारी
– लिवर की बीमारी
– डायबिटीज
– कैंसर
– मॉर्बिड ओबेसिटी
– हाइपरटेंशन और ब्लड प्रेशर
कम्युनिटी मेडिसिन की डॉक्टर और आईसीएमआर की एडवाइजर डॉ सुनीला गर्ग के मुताबिक ये सभी बीमारियां जिनको है उन्हें कोमोरबीडीटी में शामिल किया जा सकता और इन्हें देना चाहिए. वहीं कुछ बीमारियों में टीकाकरण डॉकटर की सलाह पर होगा. वहीं वैक्सीनेशन के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट साथ देना होगा.
डॉ सुनीला गर्ग ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में जहां वैक्सीन मुफ्त में उपलब्ध होगी वहीं सूत्रों के मुताबिक वैक्सीन प्राइवेट हॉस्पिटल में करीब 300 से 400 रुपय में मिलेगी. वहीं डॉक्टरों का भी मानना है की कीमत इसके आसपास रहेगी. सूत्रों के मुताबिक अगर आप प्राइवेट हॉस्पिटल में वैक्सीन लगवाने के लिए तीन तरीके से अपना समय बुक कर सकते है, एप, अस्पताल की वेबसाइट या वॉक इन. एप और वेबसाइट पर आपको सरकार द्वारा तय फ़ोटो आइडेंटिटी देनी होंगी और अगर आपको इन बीमारियों में से कोई बीमारी है तो उसका सर्टिफिकेट और जानकारी भी देनी होंगी. वहीं वॉक इन में वैक्सीन उपलब्धता पर मिलेगा. प्राइवेट अस्पताल को जिन्हें वैक्सीन दी जा रही है उनकी सभी जानकारी लेनी और रखनी होगी. इसके अलावा प्राइवेट अस्पताल को सीमित स्टॉक दिया जाएगा. जल्द ही इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय नियम और गाइडलाइन तैयार कर लेगी.
केंद्र सरकार पहले ही साफ कर चुकी है की प्राइवेट हैल्थ केयर के साथ आने से वैक्सीनेशन का काम तेज़ी से होगा और इसका सरकार को अनुभव भी है.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि दिन में 10 हज़ार अस्पतालों का उपयोग इन वैक्सीनेशन के लिए किया जा रहा है इनमें से 2 हज़ार अस्पताल प्राइवेट सेक्टर के अस्पताल हैं. प्राइवेट सेक्टर के अस्पतालों का फोर्स मल्टीप्लायर रोल से केंद्र सरकार अवगत है और उसका इस्तेमाल करती रही है. वैक्सीनेशन में आने वाले दिनों में आप देखेंगे कि बड़ी संख्या में प्राइवेट सेक्टर के अस्पतालों का उपयोग हम करेंगे वैक्सीनेशन कोई गति को और उसके कवरेज को बढ़ाने के लिए.
जानकारों का भी मानना है की प्राइवेट अस्पताल में वैक्सीनेशन शुरू करने से तेज़ी आएगी और जिसे जहां लेना है वो तय कर सकेगा. वहीं पहले से कई वैक्सीनेशन भारत हो रहे है जिसमे सरकार भी दे रही है और लोग प्राइवेट हॉस्पिटल में खुद से भी करवा रहे है.
भारत में अब तक कुल 1,10,46,914 लोग कोरोना से संक्रमित हुए है. जिसमे से 1,07,38,501 मरीज संक्रमण से पूरी तरह ठीक हो चुके है, वहीं इस संक्रमण से अब तक 1,56,705 मरीजों की मौत हुई है. अभी भारत मे 1,51,708 एक्टिव पेशेंट है यानी वो मरीज जिनका इलाज चल रहा है, ये कुल संक्रमित का 1.37% है. भारत में संक्रमण से ठीक होने की दर यानी रिकवरी रेट 97.21% है जबकि मृत्यु दर 1.42% है.