उत्तर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने पीएफ घोटाले को लेकर सरकार पर हमला बोलते हुए कई बड़े बयान दिए हैं
उत्तर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने पीएफ घोटाले को लेकर सरकार पर हमला बोलते हुए कई बड़े बयान दिए हैं |
नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी द्वारा दिए गए बयान –
- बिजली कर्मचारियों के पीएफ का तकरीबन 2268 करोड़ रुपया लूटने और लुटवाने के मामले में यूपी के ऊर्जा मन्त्री शामिल |
- पावरकारपोरेशन के चेयरमैन और सम्बंधित प्रमुख सचिव ऊर्जा अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं हुए |
- इसका जवाब अब मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को देना चाहिए। उत्तर प्रदेश की जनता उनसे यह जानना चाहती है |
- अगर इन लोगों ने नहीं किया तो वह कौन अदृश्य ताकत है जिसके आदेश के अनुपालन में यूपी के ऊर्जा विभाग और महाराष्ट्र के पीएमसी बैंक का धन एक डूबी कम्पनी को ट्रान्सफर किया गया।
- क्या उस अदृश्य ताकत की डर से लूट उजागर हो जाने के बाद भी इन लोगों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है ?
- तकरीबन 2268 करोड़ की इस लूट और लुटवाने में शामिल लोगों के माध्यम से जनता को गुमराह करने की जगह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खुद जनता के सामने आना चाहिए।
- मुख्यमंत्री को सीधे यह बताना चाहिए कि इस डूबी कम्पनी को इस इस तारीख में धन ट्रांसफर किया गया, उस समय ये ऊर्जा मन्त्री थे, ये चेयरमैन थे और ऊर्जा के प्रमुख सचिव थे। इन लोगों के कार्यकाल में यह 2268 करोड़ की लूट और लुटवाने घटना हुई इसलिए इन्हें इन्हें बर्खास्त कर जेल भेज दिया गया।
- वह यह भी घोषित कर दें कि हाईकोर्ट के अमुक वर्तमान जज इस लूट की जांच करेंगे और इसमें शामिल कोई दोषी नहीं बचेगा, चाहे वह बड़ी से बड़ी कुर्सी पर बैठा हो।
- मुख्यमन्त्री अगर यह जवाब नहीं देंगे तो शक की सुई उनकी ओर भी जाएगी। वह सन्त भी हैं, इसलिए मेरा आग्रह है कि नियोजित तरीके से कर्मचारियों के पीएफ का धन एक डूबी हुई कम्पनी को ट्रांसफर कर लूटने और लुटवाने के मामले में वह खुद जवाब दें।