चिन्मयानंद पर आरोप लगाने वाली छात्रा बोली, साजिशन फंसाया जा रहा है, सुप्रीम कोर्ट जाऊंगी

लॉ छात्रा द्वारा रेप का आरोप लगने की वजह से बीजेपी(BJP) नेता चिन्मयानन्द(Chinmayanand) को बीते शुक्रवार गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि उनकी गिरफ्तारी के बाद पीड़ित छात्रा के लिए भी मुश्किलें शुरू हो गई हैं। पीड़ित छात्रा पर फिरौती की रकम मांगने के आरोप लगाकर गिरफ्तारी के आदेश दिए गए हैं। छात्रा के तीन करीबियों को पहले ही सलाखों के पीछे पहुँचाया जा चुका है। मामले में शिकायतकर्ता अपने वकील के साथ मंगलवार को अग्रिम जमानत के लिए अदालत पहुंची। हालांकि अभी तक उसकी अग्रिम जमानत को लेकर कोई जानकारी बाहर नहीं आई है। वहीँ पीड़िता के भाई विक्रम और सचिन को 2 दिन के लिए रिमांड पर भेज दिया गया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीजेपी नेता चिन्मयानंद(Chinmayanand) पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली छात्रा की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की याचिका को ठुकरा दिया। चिन्मयानन्द ने पीड़ित छात्रा पर फिरौती के लिए 5 करोड़ रूपये मांगने का आरोप लगाया था। अदालत ने छात्रा को एक नियमित अदालत में याचिका दायर करने की सलाह दी। अदालत ने कहा कि यह विशेष जांच दल (SIT) द्वारा जांच की निगरानी करने वाली एक विशेष पीठ थी। याचिकाकर्ता एक नियमित अदालत में इसी तरह की याचिका दायर कर सकता है। मामले की अगली सुनवाई 22 अक्टूबर को होगी।

छात्रा की पुनर्बयान की याचिका खारिज

वहीँ छात्रा द्वारा अदालत के सामने अपना बयान दोबारा दर्ज करने की अपील को भी ठुकरा दिया गया। न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान की खंडपीठ ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 164 के तहत इस याचिका को ठुकराया। अदालत ने इस सम्बन्ध में भी छात्रा को ट्रायल कोर्ट में एक आवेदन जमा करने के लिए कहा। गौरतलब है कि पीड़ित छात्रा के लिखित बयान को लेकर मामला उठा है। छात्रा ने दावा किया कि उसे अज्ञात महिला की उपस्थिति में केवल बयान के अंतिम पृष्ठ पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया था।

चिन्मयानन्द की गिरफ्तारी के तुरंत बाद छात्रा के भाई गिरफ्तार

बता दें कि इस मामले की जांच के दौरान ही एसआईटी(SIT) ने दो एफआईआर दर्ज की थी। एक मामला स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ दर्ज किया गया है। दूसरा मुकदमा पीड़ित लड़की और उसके दोस्तों के खिलाफ ही दर्ज किया गया है, जो रंगदारी से जुड़ा हुआ है। चिन्मयानन्द की गिरफ्तारी के कुछ देर बाद छात्रा के दोस्त संजय सिंह, उसके तहेरे भाई दुर्गेश उर्फ विक्रम सिंह व मौसेरे भाई सचिन सेंगर को एसआइटी ने मेडिकल कराने के बाद कोर्ट में पेश किया, जहां से उन तीनों को भी जेल भेज दिया गया। तीनों पर चिन्मयानंद से पांच करोड़ की रंगदारी मांगने का आरोप लगाया गया है। तीनो की गिरफ्तारी के साथ ही रंगदारी के मुकदमे में पीड़ित लड़की का भी नाम आरोपी के तौर पर दर्ज है।

चिन्मयानन्द को बचाने के लिए हो रही है प्लानिंग

नामजद होने के बाद छात्रा ने एसआइटी पर सवाल खड़े किए। छात्रा ने कहा कि मुझे साजिशन फंसाया जा रहा। जबकि चिन्मयानंद(Chinmayanand) को बचाने के लिए हल्की धाराएं लगाईं। 376 सी लगाने का हवाला देकर कहा कि लग रहा है कि कानून सबके लिए बराबर नहीं है। चिन्मयानंद को बचाने के लिए प्लानिंग की जा रही, इसमें कुछ लोग शामिल हैं। कौन…इस सवाल पर कहा कि पता नहीं। बोली कि आत्मदाह की धमकी के बाद भी न्याय नहीं मिला। मेरे खिलाफ साजिश की जा रही। उसने सुबूत नष्ट करने का आरोप भी दोहराया। वहीँ छात्रा ने ज़रुरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाने की भी बात कही।

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