Prayagraj में छात्रों पर लाठीचार्ज, PCS व RO/ARO परीक्षा के खिलाफ प्रदर्शन
Prayagraj में परीक्षा के खिलाफ चल रहे इस विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों छात्र शामिल हुए थे, जो एकजुट होकर अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे थे।
Prayagraj प्रदर्शन के दौरान छात्रों पर पुलिस का लाठीचार्ज
उत्तर प्रदेश के Prayagraj में छात्रों पर लाठीचार्ज की घटना सामने आई है, जब वे उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा घोषित पीसीएस-2024 और आरओ/एआरओ-2024 परीक्षा की दो दिन में आयोजन करने के फैसले का विरोध कर रहे थे। छात्रों ने सोमवार को आयोग के बाहर सैकड़ों की संख्या में इकट्ठा होकर धरना दिया और इस फैसले के खिलाफ अपनी आवाज उठाई। विरोध कर रहे छात्रों की मांग थी कि परीक्षा को दो दिन के बजाय एक दिन में कराया जाए।
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार,Prayagraj प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन किया था, लेकिन पुलिस ने इस पर बल प्रयोग करते हुए छात्रों को खदेड़ दिया। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया और भारी संख्या में बल तैनात किया गया, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।
परीक्षा की तारीख और छात्रों की मांग
उत्तर प्रदेश Prayagraj लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने पीसीएस-2024 प्रारंभिक परीक्षा को सात और आठ दिसंबर को और आरओ-एआरओ-2024 प्रारंभिक परीक्षा को 22 और 23 दिसंबर को आयोजित करने का फैसला किया है। आयोग द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि इन दोनों परीक्षाओं को दो दिन में आयोजित किया जाएगा।
हालांकि, प्रतियोगी छात्र इसका विरोध कर रहे हैं और उनकी मांग है कि इन परीक्षाओं को एक दिन में आयोजित किया जाए। छात्रों का कहना है कि परीक्षा के दो दिन होने से उनकी तैयारी प्रभावित होगी, और उनके लिए परीक्षा की प्रक्रिया को समान्य तरीके से एक दिन में आयोजित करना ज्यादा सुविधाजनक होगा।
पेपर लीक कांड और बदलाव की वजह
छात्रों के विरोध का एक बड़ा कारण 2023 में हुआ पेपर लीक कांड है, जिसके बाद आयोग ने परीक्षा की प्रक्रिया में बदलाव किया। इस कांड के कारण आरओ/एआरओ-2023 की प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। इसके बाद, आयोग ने परीक्षा को दो दिन में आयोजित करने का निर्णय लिया है, जो छात्रों को स्वीकार्य नहीं है।
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने बताया कि आरओ/एआरओ-2023 की परीक्षा पहले एक ही दिन आयोजित की गई थी, लेकिन पेपर लीक के बाद परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। इसके बाद आयोग ने 22 और 23 दिसंबर को परीक्षा कराने का फैसला किया। छात्रों का कहना है कि यह बदलाव उनके लिए अनुचित है और इससे उनकी तैयारी पर असर पड़ेगा।
छात्रों के विरोध की स्थिति
Prayagraj में परीक्षा के खिलाफ चल रहे इस विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों छात्र शामिल हुए थे, जो एकजुट होकर अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे थे। छात्र सरकार और आयोग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए, दो दिन में होने वाली परीक्षा के फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आयोग को एक दिन में परीक्षा आयोजित करने की व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे सभी छात्रों को समान अवसर मिल सके।
पुलिस की तैनाती और लाठीचार्ज
प्रदर्शन के दौरान, पुलिस ने छात्रों को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज किया और इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। पुलिस की इस कार्रवाई से छात्र परेशान और गुस्से में आ गए। छात्रों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रख रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें बलात्कर खदेड़ा और उनके खिलाफ हिंसा का सहारा लिया। इस घटना ने छात्रों के विरोध को और तेज कर दिया है।
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Prayagraj में प्रतियोगी छात्रों द्वारा पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षा के फैसले के खिलाफ किया गया विरोध प्रदर्शन काफी गरमाया हुआ है। छात्रों का कहना है कि आयोग को अपनी परीक्षा के दो दिन में आयोजन के फैसले को फिर से विचार करना चाहिए। इस बीच, पुलिस द्वारा लाठीचार्ज और बल प्रयोग की घटनाएं इस आंदोलन को और तेज कर सकती हैं। छात्रों के आंदोलन का मुख्य उद्देश्य आयोग से परीक्षा के एक दिन में आयोजन की व्यवस्था करना है, जो उनकी तैयारी के हिसाब से ज्यादा उपयुक्त होगा।