अंबाला नेशनल हाईवे 73 के बाईपास निर्माण के लिए की गई जमीन अधिग्रहण
सहारनपुर कानूनगो, लेखपाल और अमीन ने अफसरों से सांठगांठ कर बड़ा खेल कर डाला। मौके पर मौजूद जमीन से अधिक भूमि बता कर डेढ़ करोड़ का मुआवजा हड़प लिगा गया। हैरत की बात तो यह है कि कमिश्नर द्वारा कराई जांच में घपला उजागार हुआ, लेकिन फिर भी रिकवरी नहीं की गई। अदालत के आदेश पर तहसील के कानूनगो, लेखपाल और भूमि अध्यापति अधिकारी के यहां तैनात अमीन समेत सात लोगों के नामजद मुकदमा कायम कराया गया है। साथ ही इस साजिश में सहयोग करने वाले जिम्मेदार अफसरों की भी गर्दन फंसती नजर आ रही है। इसमें एक नामजद उत्तराखंड का निवासी है, वहीं शेष सहारनपुर के ही रहने वाले हैं।
अंबाला नेशनल हाईवे 73 के बाईपास निर्माण के लिए की गई जमीन अधिग्रहण का है। दरअसल हाईवे के बाईपास निर्माण के लिए नेशनल हाईवे अथार्रिटी आफ इंडिया ने परगना हरोड़ा क्षेत्र के गांव मक्कावास आदि गांवों की जमीन का वर्ष 2018 में अधिग्रहण किया था। थाना गागलहेड़ी के गांव मक्कावास निवासी तालीम ने थाना सदर बाजार में मुकदमा दर्ज कराते हुए कहा है कि उनके भाई आलिम और रियाज की कृषि भूमि खसरा नंबर 181/2 और मुशर्रत पत्नी अशरफ अली की जमीन खसरा नंबर 181/7 रकवाई के साथ ही अभियुक्त राव साजिद, मुनफैत अली और मोहम्मद इनाम की कुल मिलाकर 6160 वर्ग मीटर भूमि के मालिक हैं। आरोप है कि राव साजिद समेत तीनों लोगों ने कानूनगो, लेखपाल और अमीन से सांठगांठ करके अपनी मौजूदा जमीन को अधिक बता दिया। इस तरह कुल 4000 वर्ग मीटर में से 3600 वर्ग मीटर भूमि का करीब एक करोड़ 85 हजार से अधिक मुआवजा प्राप्त कर लिया गया।
इस मामले की शिकायत कमिश्नर और सीएम समेत सभी आला अफसरों से की गई। उसके बाद इसमें जांच हुई तो एक करोड़ 42 लाख की रुपये अधिक प्राप्त करना पाया गया। लेकिन हैरत है कि इतनी बड़ी सरकारी रकम की रिकवरी के लिए किसी भी अभियुक्त को नोटिस जारी नहीं किया गया। तमाम अफसरों और पुलिस में भी दस्तक दी गई। बाद में सीजेएम की अदालत में मुकदमा दर्ज कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया। सुनवाई के बाद अदालत ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
वही एसपी देहात अतुल शर्मा ने बताया कि यह एक मामला कोर्ट के आदेश पर थाना सदर बाजार पर एक मुकदमा लिखा गया है लेखपाल कानूनगो आमीन मुकदमा लिखा गया है थाना सदर पर मुकदमा दर्ज कर आगे की तफ्तीश की जा रही है