लालू के दामाद सपा की सीट पर सिकंदराबाद सीट से लड़ेंगे चुनाव, पहले भी आजमा चुके हैं किस्मत
लालू के दामाद राहुल यादव सपा के टिकट पर इस जगह से लड़ेंगे चुनाव, योगी सरकार को बताया पापी
लखनऊ: यूपी की सर्दी के साथ यहां की राजनीति भी रोजाना रंग बदल रही है. ऐसे में बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के दामाद राहुल यादव ने एक बार फिर विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. राहुल यादव एक बार फिर बुलंदशहर के सिकंदराबाद सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे है. राहुल यादव सपा-आरएलडी गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में हैं, जिनका मुकाबला सीधे-सीधे भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मीराज सेन है. ऐसा नहीं है कि राहुल का ये पहला विधानसभा चुनाव है, इससे पहले वह साल 2017 में भी सिकंदराबाद के सपा उम्मीदवार रहे थे. तब उनका मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी विमला सोलंकी से था. जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में राहुल यादव सबसे ज़्यादा वोट पाने वाले प्रत्याशियों में तीसरे नंबर के उम्मीदवार रहे थे. 2017 में बीजेपी की विधायक रहीं विमला सोलंकी ने जहां 1 लाख 4 हज़ार 956 वोट हांसिल करके जीत हांसिल की थी, तो वहीं राहुल यादव को यहां सिर्फ 48910 ही वोट मिले थे, यानी राहुल बसपा के प्रत्याशी रहे इमरान अंसारी से भी कम वोट हासिल कर पाए थे. क्योंकि बसपा प्रत्याशी इमरान अंसारी 2017 में सबसे ज़्यादा वोट पाने वाले दूसरे नंबर के प्रत्याशी बनकर उभरे थे. वहीँ हाजी इमरान ने यहां से 76333 वोट प्राप्त की थी.
जानिए कौन हैं राहुल यादव?
बता दें राहुल यादव के पिता जितेंद्र यादव 2012 में सिकन्दराबाद से ही कांग्रेस से चुनाव लड़ चुके हैं. मौजूदा समय में जितेंद्र यादव सपा के एमएलसी भी हैं, जबकि राहुल की शादी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की चौथे नंबर की बेटी रागिनी यादव के साथ हुई है. उम्मीद जताई जा रही है कि लालू या उनके बेटे तेजस्वी राहुल के लिए चुनाव प्रचार के लिए सिकंदराबाद भी जा सकते हैं.
राहुल यादव ने योगी सरकार को बताया पापी
सपा नेता राहुल यादव ने बुधवार को अपना पर्चा दाखिल किया है. नामांकन स्थल से बाहर आकर मीडिया से बात करने के दौरान राहुल ने कहा कि कड़ाके की ठंड में जो बर्फ जमी है, उसे युवाओं का परिश्रम ही पिघला सकता है. मुस्लिम बाहुल्य सीट का सवाल पूछे जाने पर राहुल ने कहा कि मुस्लिम-हिन्दू बाहुल्य कुछ नहीं होता सब हिंदुस्तान बाहुल्य है. नेता मुलायम सिंह यादव की पुत्रवधु अर्पणा यादव द्वारा सपा छोड़कर बीजेपी का दामन थामने के सवाल पर राहुल ने घटनाक्रम की जानकारी न होने की बात कहकर सवाल को ताल दिया. राहुल यादव ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि इस बार का चुनाव प्रदेश की पापी सरकार को हटाने के लिए होगा. युवाओं की बेरोजगारी, महंगाई, किसानों का मुद्दा मुख्य है.