लालू यादव ने लगाया तेजस्वी यादव की राजनीति पर ब्रेक !
वैसे तो लालू प्रसाद यादव को राजनीति का एक दिग्गज नेता माना जाता है और लोग कहां करते हैं कि तेजस्वी यादव को अपने पिता से राजनीति की सीख लेने की जरूरत है। लेकिन कई मामले ऐसे भी हैं जहां पर अपने पिता लालू प्रसाद यादव के कारण तेजस्वी यादव को बहुत कुछ सहना पड़ा है और कहीं ना कहीं लालू प्रसाद यादव की वजह से तेजस्वी के करियर पर ब्रेक लगा है।
सबसे बड़ा सवाल यहां यह उठता है कि लालू यादव को आखिर जेल की दीवारों को लांघ कर फोन पर बात करना इतना ज्यादा क्यों पसंद है? जब जमानत पर बाहर निकले थे तो जेल में बंद आरजेडी नेता शहाबुद्दीन से बात किये और खूब बवाल कराये – तब ‘डीएम को फोन लगाओ तो…’ वाला डायलाग काफी चर्चित रहा. असल में शहाबुद्दीन से फोन पर बात करने के बाद लालू यादव का यही रिएक्शन था. ये तभी की बात है जब बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी थी और तब भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही थे. आरजेडी ने तब की बातचीत को लेकर भी झुठलाया था और पिछले दिनों लल्लन पासवान से बातचीत को भी उन्होंने झुठला दिया है।
आरजेडी ने उस मामले में कहा था कि वह फेक ऑडियो है। जबकि लालू यादव खुद चारा घोटाले में मिली सजा काटने के लिए रांची जेल में हैं तो बिहार के बीजेपी विधायक ललन पासवान को फोन किये जाने वाला मामला तेजी से बढ़ा दिया गया। इसे लेकर एक तरफ जहां बिहार में विजिलेंस में शिकायत दर्ज करायी गयी थी वहीं झारखंड में जेल महानिरीक्षक ने लालू यादव पर फोन करने के आरोपों की जांच के आदेश दिये थे. लेकिन उस समय सबसे बड़ा संकट उनके बेटे तेजस्वी यादव पर ही आया हुआ था।
देखा जाये तो तेजस्वी यादव पर बैठे बिठाये मुसीबत आ पड़ी थी और लालू यादव को भी फोन पर बातचीत की घटना के बाद फिर से रिम्स के प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। लालू प्रसाद यादव अभी तक 1, केली बंगले में रह रहे थे – और बीजेपी नेता आरोप लगाते रहे थे कि लालू यादव जेल की सजा नहीं काट रहे हैं, बल्कि, बंगले में आराम की जिंदगी बिता रहे हैं…ललन पासवान के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी अपने पास लालू यादव के फोन आने का दावा किया है…. जीतनराम मांझी ने इल्जाम लगाया है कि नीतीश सरकार गिराने के लिए लालू यादव ने जेल से उनको फोन किया था, लेकिन उन्होंने बात नहीं की…. इस सब के बाद सबसे ज्यादा मुसीबत तेजस्वी यादव पर आई क्योंकि वह पार्टी को पूरी तरीके से संभाल रहे है। ऐसे में लालू यादव के एक फोन से विपक्षी नेता तेजस्वी यादव पर आक्रामक हो गए। बिहार चुनाव की बात की जाए तो एनडीए को बड़ी जीत जरूर मिली है लेकिन बिहार में राष्ट्रीय जनता दल सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। लालू प्रसाद यादव के ना होने के बावजूद भी तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आरजेडी ने शानदार प्रदर्शन किया है हालांकि उन्हें जीत नहीं मिल पाई बावजूद इसके तेजस्वी यादव को लालू की कॉल कितनी महंगी पड़ गई कि विपक्ष तेजस्वी यादव पर आक्रामक हो गया। जहां एक तरफ लालू यादव की राजनीति की बात होती है तो दूसरी तरफ उनके एक कॉल से तेजस्वी की राजनीति पर ब्रेक भी जोर से लगा।