लालू पर BJP चुप:बिहार आए तो किया वेलकम, विवादित बयान दिया तो साधी चुप्पी;
जानिए क्या है BJP का उपचुनाव प्लान
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BJP के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बिहार लौटने पर उनका स्वागत करनेवाली भाजपा, उनके भक्त चरण दास पर दिए विवादित बयान पर चुप है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल से लेकर सुशील मोदी लालू प्रसाद पर सीधा हमला करने से परहेज कर रहे हैं। यही नहीं भाजपा, लालू प्रसाद और भक्त चरण दास के बीच चल रहे बयानी विवाद को भी उपचुनाव जीत की चाल बता रही है।
रविवार को पटना आने से पहले लालू प्रसाद यादव ने कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास के लिए जो शब्द इस्तेमाल किया, उससे बिहार के राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर से लालू प्रसाद की चर्चाएं होने लगी। किसी ने लालू को दलित विरोधी कहा तो किसी ने पूरे राजद को ही दलित विरोध पार्टी बता दिया। लेकिन इन सब के बीच भाजपा के दिग्गज चुप रहे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने लालू प्रसाद के बयान पर प्रतिक्रिया नही दी।
संजय जायसवाल ने कहा ये सब दिखावा है ये एक-दूसरे पर इसलिए आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं ताकि ये एनडीए का वोट काट सके। संजय जायसवाल बिहार में 2 सीटों पर हो चुके उपचुनाव को लेकर बोल रहे थे। उनकी मानें जो लड़ाई कांग्रेस और राजद के बीच दिख रही है वो असल में दोनों पार्टियों की एक खास रणनीति है। ये आमने-सामने इसलिए हैं क्योंकि कांग्रेस, भाजपा का आधार वोट काट एनडीए को नुकसान पहुंचाना चाहती है। संजय जायसवाल से पहले भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने भी कांग्रेस और राजद पर मिलीभगत का आरोप लगाया था।
लालू पर चुप्पी भाजपा की रणनीति का हिस्सा
लालू पर चुप्पी भाजपा की खास रणनीति का हिस्सा है। असल में भाजपा लालू प्रसाद के बिहार वापसी को ज्यादा चर्चा में लाना नही चाहती, खासतौर से कुशेश्वरस्थान और तारापुर में जहां उपचुनाव हो रहे हैं। उपचुनाव में लालू की चर्चा शुरू होने के मतलब है राजद के कोर वोटरों को उकसाना। इन वोटरों की गोलबंदी एनडीए को नुकसान पहुंचा सकती है। बिहार विधानसभा 2020 की बात करें तो यहां से एनडीए के प्रत्याशी के तौर पर शशिभूषण हजारी (जदयू) 7222 वोटों से जीते थे, इसी तरह से तारापुर में एनडीए के मेवालाल चौधरी (जदयू) 7225 से जीते थे। दोनों ही सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवारों से सीट का अंतर बहुत ज्यादा नही था ।
2020 में भाजपा की लालू विरोधी नीति रही थी बेअसर
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद भले ही एनडीए गठबंधन की सरकार बनीं हों लेकिन महागठबंधन और एनडीए की सीटों का फर्क ज्यादा नही रहा। एनडीए को 125 और महागठबंधन को 110 सीटें मिली थी। इस चुनाव में भाजपा ने बिहार की जनता के सामने लालू के भ्रष्टाचार से जुडे मामले को खूब चुनावी मुद्दा बनाया था। लेकिन इसके बावजूद चुनावी नतीजों में राजद 75 सीटों के साथ प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी बनीं थी। जाहिर है ये मुद्दा असर नही कर पाया, लिहाजा इस बार भाजपा लालू प्रसाद पर चर्चाओं से बाहर रहने की कोशिशों में लगी है।
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