लखीमपुर हिंसा: गृह मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को 3 महीने बाद जेल से मिली रिहाई
लखीमपुर हिंसा: मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को जेल से मिली रिहाई, SC जाएंगे राकेश टिकैत
लखनऊ: भाजपा सरकार में केन्द्रीय गृह मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को लखीमपुर खीरी में 4 किसानों के रौदने के मामले में मंलगवार को जेल से रिहाई मिल गई है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार को अपने संशोधित आदेश में आशीष मिश्रा को अक्टूबर 2021 की घटना के सिलसिले में जमानत दे दी थी. इससे पहले गुरुवार को ही आशीष मिश्रा को जमानत मिल गई थी, लेकिन जमानत के आदेश में दो धाराएं छूट गई थीं, जिसे जुड़वाने के लिए शुक्रवार को आशीष मिश्रा के वकील हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच पहुंचे थे.
आवेदन में कहा गया था, “यह केवल टाइपोग्राफिक त्रुटि है, जबकि अदालत ने पहले से ही इन धाराओं के तहत जमानत पर विचार किया है और इस तरह, आदेश में इन धाराओं को जोड़ने की अनुमति दी जा सकती है.” न्यायमूर्ति राजीव सिंह की पीठ ने सुधार आवेदन पर सोमवार को आदेश पारित किया. गुरुवार को पारित जमानत आदेश में धारा 147, 148, 149, 307, 326, 427 के साथ आईपीसी की धारा 34, शस्त्र अधिनियम की धारा 30 और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 177 का उल्लेख किया गया, लेकिन धारा 302 और धारा 120 (बी) छोड़ दिया गया था.
#WATCH Ashish Mishra, son of MoS Home Ajay Mishra Teni, accused in the Lakhimpur Kheri violence case released on bail pic.twitter.com/11f2CmyFCc
— ANI (@ANI) February 15, 2022
इस हादसे में 8 लोगों की हुई थी मौत
यूपी के लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी. इस बीच, संयुक्त किसान मोर्चा ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आशीष मिश्रा को जमानत देने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले की निंदा की है और कहा है कि यह आदेश मामले में निष्पक्ष जांच और न्याय की उम्मीद पर पानी फेर रहा है.
आशीष मिश्रा के खिलाफ जाएंगे सुप्रीम कोर्ट- राकेश टिकैत
किसान नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) लखीमपुर खीरी हिंसा प्रकरण पर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा. राकेश टिकैत ने कहा “पूरे देश और पूरी दुनिया ने अजय टेनी और आशीष टेनी के सबसे कुख्यात लखीमपुर खीरी प्रकरण को देखा. आशीष मिश्रा को एक जघन्य अपराध करने के बावजूद 3 महीने के भीतर जमानत मिल गई.’ उन्होंने आगे कहा, “क्या ऐसी तानाशाही सरकार की जरूरत है, या इस तरह की व्यवस्था की जरूरत है जिसमें एक व्यक्ति वाहन के नीचे लोगों को रौदता रहे और वह तीन महीने के भीतर जेल से बाहर निकल जाता है. आने वाले समय में वह जनता के साथ कैसा व्यवहार करेंगे?”