लखीमपुर खीरी हिंसा: SC में बोली योगी सरकार, हमने तो आशीष मिश्रा की जमानत का किया था पुरजोर विरोध
SC में बोली योगी सरकार, हमने तो आशीष मिश्रा की जमानत का किया था पुरजोर विरोध
लखनऊ: यूपी सरकार की तरफ से लखीमपुर खीरी में किसानों को कार से कुचलने के आरोपी आशीष मिश्रा की बेल अर्जी का विरोध किया गया था. सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के जवाब में योगी सरकार ने ये बात कही है. मृतक किसानों के परिजनों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर आशीष मिश्रा की बेल का विरोध किया गया है. इस पर कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया था, जिसके जवाब में यूपी सरकार ने यह बात कही है. इसके अलावा यूपी सरकार ने किसानों के परिजनों के उन आरोपों को भी खारिज किया कि वीआईपी लोगों को जाने दिया गया व गवाहों की ही सुरक्षा नहीं की गई.
किसानों के परिजनों के अर्जी पर यूपी सरकार ने दिया जवाब
किसानों के परिजनों की अर्जी के जवाब में यूपी सरकार ने यह जवाब दिया है. यूपी सरकार ने कहा, ‘यह आरोप कि यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में आशीष मिश्रा की बेल का विरोध नहीं किया था, पूरी तरह से गलत है. योगी सरकार की तरफ से उनकी बेल अर्जी का पुरजोर विरोध किया गया था. इसके अलावा लखीमपुर खीरी कांड के एक गवाह पर हमला होने के आरोपों पर भी सरकार ने खारिज किया है. प्रदेश सरकार ने कहा कि गवाह पर हमला किसी साजिश के तहत नहीं हुआ था बल्कि आपसी रंजिश के चलते वह घटना हुई थी.
गवाहों को दी जा रही पूरी सुरक्षा- योगी सरकार
यही नहीं सरकार ने इस बात को भी खारिज किया है कि हमलावरों ने गवाहों को धमकी दी थी कि यूपी में अब बीजेपी की सरकार लौट आई है और अब उन्हें देख लिया जाएगा. योगी सरकार ने कहा, ‘लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के पीड़ितों के परिवारों व गवाहों को पूरी सुरक्षा दी जा रही है. गवाहों को सरकार की ओर से हथियारबंद सुरक्षाकर्मी भी दिए गए हैं.’ प्रदेश सरकार ने शीर्ष अदालत से कहा कि गवाहों की सुरक्षा की लगातार समीक्षा की जाती रही है. वहीं कुछ दिन पहले भी उन लोगों से बात की गई थी और उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर संतुष्टि जताई है.
बुधवार को SC करेगी बेल के खिलाफ सुनवाई
जानकारी के मुताबिक चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच बुधवार को आशीष मिश्रा की बेल को खारिज करने की मांग वाली अर्जी की सुनवाई करेगी. इलाहाबाद हाई कोर्ट की बेंच की ओर से आशीष मिश्रा को लखीमपुर खीरी कांड में यूपी विधानसभा चुनाव के बीच बेल दी गई थी. जिसके बाद किसान संगठनों ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी.