लखीमपुर: धौरहरा विस सीट से पूर्व MLA बाला ने सपा का साथ छोड़ फिर भाजपा में हुए शामिल, जानें वजह
लखीमपुर के धौरहरा से पूर्व एमएलए बाला ने घर की वापसी, बीजेपी को किया ज्वाइन
यूपी में विधानसभा के पहले चरण के मतदान में महज हफ्तेभर का समय बचा हुआ है. ऐसे में राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के बीच दलबदल का दौर जारी है. उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव की राजनीतिक लड़ाई बड़ी ही मजेदार होती जा रही है. जहां एक बीजेपी नेता कुछ दिनों पहले भाजपा छोड़ सपा का दामन थामा था. वहीं लखीमपुर खीरी जिले की धौरहरा विधानसभा सीट के विधायक बाला प्रसाद अवस्थी का सपा से भी मोह भंग हो गया.
जिसके बाद वह सोमवार को लखनऊ के भाजपा मुख्यालय पहुंचकर बीजेपी में शामिल हो गए. इस नए सियासी घटनाक्रम के बाद अब अलग अलग तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. हालांकि घर वापसी के बाद मीडिया को दिए इंटरव्यू में बाला ने अपने बड़े बेटे को राजनैतिक व पारिवारिक उत्तराधिकारी घोषित कर राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है.ऐसे में बाला के इस बयान से माना जा रहा है कि अब वे सक्रिय राजनीति से सन्यास भी ले सकते हैं.
दरअसल, बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी की मौजूदगी में 16 दिन बाद फिर से भजपा ज्वाइन करने वाले विधायक बाला प्रसाद ने कहा कि वह पूरी निष्ठा से बीजेपी के मिशन 2022 को पूरा करेंगे. बता दें कि बीते 13 जनवरी को बाला अपने बेटे राजीव अवस्थी लालू के साथ सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में सपा की सदस्यता ग्रहण की थी. उस समय कयास लगाए जा रहे थे कि बाला अपने बेटे राजीव उर्फ लालू के लिए धौरहरा से सपा का टिकट चाहते थे. हालांकि सपा ने धौरहरा से किसी और को टिकट दे दिया, जिसके बाद से बाला प्रसाद अवस्थी अन्य रास्ते तलाशने लगे.
पूर्व MLA बाला ने अपने बड़े बेटे को बनाया उत्तराधिकारी
वहीं, बीते सोमवार को बीजेपी आलाकमान से हरी झंडी मिल जाने के बाद बाला प्रसाद अवस्थी ने फिर से भाजपा में शामिल हो गए. इसके बाद में मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए बाला अवस्थी ने अपने बड़े बेटे राजीव अवस्थी को अपना राजनैतिक और पारिवारिक उत्तराधिकारी ऐलान कर राजनीतिक बाजार में हलचल पैदा कर दी.
विधायक ने सपा छोड़ घर की वापसी
जानकारी के मुताबिक जनवरी महीनें में जिले की राजनीति का सियासी पारा इस कदर गरम था. जहां पर नेताओं की दल बदलने की खबरें सुर्खियों में लगातार आ रहीं थी. इस बात को उस समय जोर मिला जब बीते 13 जनवरी को लखनऊ में धौरहरा से बीजेपी विधायक बाला प्रसाद अवस्थी ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा देकर सपा का दामन थाम लिया था. वहीं, इसके साथ ही भाजपा के अन्य विधायकों के दल बदलने की खबरें हवा में तैरती रहीं.