लखीमपुर मामला: राष्ट्रपति से मिले कांग्रेस नेता, राहुल ने की ये मांग
नई दिल्ली. कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग करते हुए बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की. कांग्रेस के इस प्रतिनिधिमंडल में राहुल गांधी के अलावा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा भी शामिल थीं.
हाल ही में कांग्रेस ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मिलने का समय मांगा था. कांग्रेस लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग कर रही है. बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान राहुल ने कहा, ‘हमने राष्ट्रपति से कहा है कि आरोपी के पिता जो मंत्री हैं, उन्हें पद से हटाया जाना चाहिए, क्योंकि उनकी मौजूदगी में निष्पक्ष जांच मुमकिन नहीं है. इसी तरह हमने सुप्रीम कोर्ट के दो सिटिंग जज से भी जांच कराए जाने की मांग की है.’ प्रियंका ने कहा, ‘राष्ट्रपति ने हमें आश्वासन दिया है कि वे खुद आज इस मुद्दे पर सरकार से चर्चा करेंगे.’
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया क्षेत्र में गत तीन अक्टूबर को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव के दौरे के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी.
इस मामले में मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. आशीष को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया. मिश्रा पर आरोप लगाए गए हैं कि वह उन वाहनों में से एक में सवार थे, जिन्होंने तीन अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे चार किसानों को कुचल दिया था. इन आरोपों के बाद प्राथमिकी में आशीष का नाम दर्ज किया गया.
श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए थे कांग्रेस नेता
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत, रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी, विभिन्न राज्यों के किसान और बड़ी संख्या में लोग यहां तिकुनिया में मंगलवार को चार किसानों और एक पत्रकार को श्रद्धांजलि देने के लिए ‘अंतिम अरदास’ कार्यक्रम में एकत्र हुए थे. प्रियंका ने पत्रकारों से कहा, ‘आज मैं अंतिम अरदास की सभा में आई हूं, इसलिए कुछ बोलूंगी नहीं, हां यह जरूर है कि अंतिम सांस तक किसानों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ूंगी.’