सीलमपुर कुणाल हत्याकांड में “लेडी डॉन” की एंट्री, भाजपा पर लगे बड़े आरोप.. जानिए पूरा मामला
दिल्ली में कानून व्यवस्था ध्वस्त, भाजपा सरकार पर उठे गंभीर सवाल

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर में 17 वर्षीय दलित किशोर कुणाल की चाकू से निर्मम हत्या ने राजधानी की कानून व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना के बाद इलाके में सांप्रदायिक तनाव फैल गया है और दिल्ली पुलिस तथा भाजपा सरकार विपक्ष के निशाने पर हैं। स्थानीय लोगों में आक्रोश है, वहीं आरोपियों की पहचान के बावजूद अब तक गिरफ्तारी न होने पर पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
हत्या कैसे और क्यों हुई?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बृहस्पतिवार की रात को कुणाल अपने घर से दूध लेने निकला था, तभी चार से पांच लोगों ने उसे घेर लिया। पहले गाली-गलौज की गई और फिर चाकू से ताबड़तोड़ वार कर उसकी हत्या कर दी गई। इस दौरान आरोपी युवक साहिल ने चाकू से गोद-गोदकर कुणाल को मौत के घाट उतार दिया।
जांच में खुलासा हुआ है कि यह हत्या आपसी रंजिश के चलते हुई है। आरोपी साहिल और मृतक कुणाल पुराने विवाद में जुड़े हुए थे। पिछले साल साहिल और लाला नामक युवक के बीच झगड़ा हुआ था, जिसमें लाला के भाई ने साहिल पर चाकू से हमला किया था। कुणाल उस समय लाला के साथ मौजूद था। तभी से साहिल कुणाल से रंजिश रखता था और लाला का पता पूछता रहता था। बार-बार टालने के बाद आखिरकार कुणाल की हत्या कर दी गई।
सीसीटीवी और सोशल मीडिया से हुआ बड़ा खुलासा
परिजनों का आरोप है कि हत्या के बाद साहिल के दोस्तों ने इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट कर घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की। वीडियो में दो युवक बोलते सुनाई दे रहे हैं — “मिटा दी जाएगी वो महफिल लाला, जो हमें मिटाने की फिराक में है।” इससे न केवल घटना की गंभीरता बढ़ी, बल्कि इलाके में तनाव और ज्यादा गहरा गया।
‘लेडी डॉन’ जिक्रा का परिवार और गैंग कनेक्शन
इस पूरे हत्याकांड में साहिल की बहन जिक्रा, जिसे इलाके में ‘लेडी डॉन’ के नाम से जाना जाता है, का नाम सामने आया है। बताया गया है कि जिक्रा का परिवार इलाके में नशा, डर और दहशत फैलाने वाले गिरोह से जुड़ा हुआ है। साहिल और जिक्रा की आपराधिक गतिविधियों की जानकारी पुलिस को पहले से थी, बावजूद इसके कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
घटना के बाद गुस्साई भीड़ ने जिक्रा की नानी के घर पर हमला किया और तोड़फोड़ की। फिलहाल वह घर बंद है और परिवार के लोग फरार हैं।
वर्तमान हालात: भारी पुलिस बल तैनात, इलाके में तनाव
घटना के बाद से सीलमपुर जे ब्लॉक और आसपास के इलाकों में भारी पुलिस बल और अर्धसैनिक बल तैनात कर दिया गया है। शुक्रवार सुबह परिजनों और स्थानीय लोगों ने धर्मपुरा लाल बत्ती के पास प्रदर्शन किया, रास्ता जाम किया और “हत्यारों को गोली मारो” जैसे नारे लगाए।
भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। विपक्षी नेताओं ने इस हत्या को कानून व्यवस्था की विफलता बताया है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं: भाजपा और AAP आमने-सामने
आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस पर निशाना साधते हुए सवाल किया, “दिल्ली पुलिस क्या कर रही है? अमित शाह क्या कर रहे हैं? डबल इंजन सरकार क्या कर रही है?”
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने घटना की निंदा करते हुए कहा, “हत्या बेहद चिंताजनक है। दोषियों की पहचान हो चुकी है और जल्द कार्रवाई की जाएगी।”
सरकार पर उठते सवाल: क्या भाजपा सरकार में दलित और हिंदू सुरक्षित हैं?
इस घटना के बाद एक बार फिर दिल्ली में बढ़ती आपराधिक घटनाओं को लेकर भाजपा सरकार की भूमिका पर उंगलियां उठ रही हैं। सीलमपुर जैसे संवेदनशील इलाकों में नशा, अपराध और सांप्रदायिक तनाव आम हो गए हैं। लोगों का आरोप है कि दिल्ली पुलिस केवल ‘जांच में जुटी’ रहती है, लेकिन एक्शन कहीं दिखाई नहीं देता।
यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब भाजपा सरकार दावा कर रही है कि उसकी सरकार में “बहन-बेटियां सुरक्षित हैं और अपराधी डरते हैं।” मगर हकीकत यह है कि कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। अपराधी खुलेआम हत्याएं कर रहे हैं, वीडियो वायरल कर रहे हैं, और पुलिस केवल “जांच जारी है” कहकर पल्ला झाड़ रही है।