कोविडशील्ड वैक्सीन ओमिक्रॉन वैरिएंट को दे सकता हैं मात, इसका कुछ दिनों में चलेगा पता
कोविडशील्ड ओमिक्रॉन के खिलाफ नहीं करेगी काम, तो लगेगा बूस्टर डोज
मुंबई: दुनियाभर ने लगभग 2 सालों बाद वैक्सीन की वजह से कोरोना महामारी से लड़ने को तैयार हुए हैं. ऐसे में एक बार फिर कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन तबाही मचाने को तैयार हैं. बता दें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला इस नए वैरिएंट के बारे में बात करते हुए कहा कि इसके खिलाफ कोविशील्ड वैक्सीन कितनी कारगर है, इसका पता अगले 2-3 हफ्ते में लग जायेगा.
ओमिक्रॉन कोरोना से ज्यादा गंभीर है या कम अभी नहीं लगा सका हैं पता
जानकारी के मुताबिक आदर पूनावाला ने कहा कि अभी यह कह थोडा सा मुश्किल हैं कि ओमिक्रॉन ज्यादा गंभीर है या नहीं. ओमिक्रॉन को ध्यान में रखते हुए बूस्टर डोज संभव है. हालांकि उनका कहना है कि अभी फिलहाल सरकार का पूरा फोकस सभी लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज देने पर हैं.
लैंसेट की स्टडी के मुताबिक कोविशील्ड डेल्टा वैरिएंट के कहर के दौरान भी वायरस से निपटने में काफी प्रभावी रही और इससे अस्पताल में भर्ती होने और मौत होने की आशंका बहुत कम हो जाएगी. वहीं पूनावाला ने कहा कि कोविशील्ड के ओमिक्रॉन पर असर को लेकर भी अध्ययन चल रहा है और हमें कुछ हफ़्तों का इंतजार करना चाहिए. इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि ऑक्सफोर्ड के वैज्ञानिक रिसर्च में लगे हुए हैं और उनके निष्कर्षों के आधार पर हम नई वैक्सीन को भी ले आ सकते हैं. जो लोगों की जान बचाने में ज्यादा कारगर होगी. जिसे आने वाले छह महीनों में बूस्टर डोज की तरह पेश किया जाएगा.
कोविड वैक्सीन की दोनों डोज के बाद दिया जा सकेगा बूस्टर डोज
सीरम के सीईओ ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि समय के साथ कोविशील्ड की जो काम काम करने की क्षमता है वह कम हो जाए. हालांकि उन्होंने दोहराया कि उनका संदेश यही है कि सभी लोगों को कोविड वैक्सीन की दोनों डोज दी जाएं. इसके बाद ही अगले साल हम इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए बूस्टर डोज देने की सोच सकते हैं.
इम्युनिटी बढ़ाने के लिए दिया जाएगा सभी को बूस्टर डोज
आदर पूनावाला ने कहा कि अगर सरकार बूस्टर डोज लगवाने का फैसला करती है तो हम स्टाक मुहैया कराने के लिए तैयार हैं. पूनावाला के के मुताबिक प्राइवेट मार्केट में बूस्टर डोज 600 रूपए में मिल सकती है. विशेषज्ञों की सलाह के बाद बूस्टर डोज दी जा सकती है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि बूस्टर डोज उन्हें ही दी जायेगी जिन्होंने वैक्सीन के दोनों डोज लगवाएं हैं.
पूनावाला के मुताबिक, हमारे पास कैंपस में लाखों वैक्सीन डोज का स्टॉक है. हमने 20 करोड़ वैक्सीन डोज राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए सुरक्षित रखी है. ऐसे में अगर सरकार बूस्टर डोज का ऐलान करती है तो हमें उन्हें पर्याप्त मात्रा में मुहैया करा सकते हैं. हमारे पास कोवावैक्स का भी पर्याप्त स्टॉक है, जो कोविड-19 के खिलाफ नई स्वदेशी वैक्सीन है. इसे अगले कुछ हफ्ते में इस्तेमाल की मंजूरी भी मिल जाएगी. हालांकि महामारी के तीसरी लहर को देखते हुए उन्होंने कहा कि कोविशील्ड के लिए दाम में बदलाव नहीं किया जाएगा. इसके लिए कीमत तय है और हम इसे बनाए रखेंगे. जनवरी-फरवरी तक कोवावैक्स डोज भारत में उपलब्ध कराया जा सकता है.
पूनावाला ने कहा कि अभी हम हर माह 25 करोड़ वैक्सीन डोज का उत्पादन कर रहे हैं और हम 6 महीने में 1 अरब वैक्सीन डोज देने का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं. आने वाले समय में भारतीय वैक्सीन इंडस्ट्री को कच्चे माल के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा.