अनदेखी : डिस्टेंसिंग भूल मीटिंग में व्यस्त रहा स्वास्थ्य महकमा, तस्वीरें वाइरल
कौशाम्बी | जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी दफ्तर में बुधवार को लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। जिसमें अपर सीएमओ ने निजी अस्पताल के डाक्टरों की बैठक में सोशल व् फिजिकल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जिया उड़ाई गई। तस्वीरें सोशल मीडिया में वाइरल होने के बाद स्वास्थ्य महकमे समेत प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया है। मामले को तूल पकड़ता देख सीएमओ जाँच के बाद कार्यवाही की बात कह रहे है।
गौरतलब है कि पूरा देश कोरोना महामारी के खतरे से जूझ रहा है। केंद्र और राज्य सरकार ने जनता को कोरोना से बचाने के लिए लॉक-डाउन कर रखा है। प्रशासनिक अधिकारी खतरे को कम करने के लिए गांव गली मोहल्ले की ख़ाक छान जागरूकता अभियान चला रहे है। आम आदमी बिना किसी काम के सड़क पर दिखाई पड़ता है तो पुलिस उसे सामाजिक, आर्थिक व् कानूनी कार्यवाही कर दण्डित कर रही है।
जनपद की सोशल मीडिया में एक तस्वीर वाइरल है। तस्वीर में बारे में बताया जा रहा है कि यह मुख्य चिकित्सा अधिकारी दफ्तर के मीटिंग हाल की है। जहाँ बुधवार निजी व् सरकारी डाक्टरों की एक सामूहिक मीटिंग आयोजित की है। मीटिंग जनपद के एडिशनल सीएमओ व् कोरोना प्रभारी नोडल अफसर डॉ हिन्द मणि की अध्यक्षता में की गई। तस्वीर बताती है कि बैठक में डाक्टरों के बीच न तो सोशल डिस्टेंसिंग और न ही फिजिकल डिस्टेंसिंग के सबसे महत्वपूर्ण नियम का पालन ही नहीं किया गया।
कोरोना महामारी के फ़ैलने के संभावित खतरे की अनदेखी कर मीटिंग किये जाने के मामले की कवरेज करने जब मीडिया पहुंची, तो मीटिंग हाल में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में एडिशनल सीएमओ डॉ हिन्द मणि मीटिंग हाल से चलते बने। कोरोना नोडल प्रभारी के जाते ही अचानक बिना किसी निष्कर्ष के ही मीटिंग हाल देखते ही देखते खाली हो गया।
डॉ विवेक शुक्ल ने बताया, एडिशनल सीएमओ डॉ हिन्द मणि ने मीटिंग काल की थी। जिसमे जिले भर के तकरीबन 80 से 100 चिकित्सक गैर सरकारी और सरकारी उपस्थित हुए थे। मीटिंग में नए निजी अस्पतालों के खोले जाने नियमावली प्रभारी डाक्टर हिन्द मणि जारी करने वाले थे । सोशल व् फिजिकल डिस्टेंसिंग के सवाल पर उन्होंने कहा, वह तो मीटिंग में हिस्सा लेने आये थे स्वास्थ्य विभाग से जैसे बैठने की व्यवस्था की थी उसी के क्रम में लोग बैठे है। इसमें उनकी कोई गलती नहीं है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ पीएन चतुर्वेदी ने बताया, उन्हें दफ्तर में हुयी इस तरह की मीटिंग के बारे में कोई जानकरी नहीं है। यदि बिना सोशल व् फिजिकल डिस्टेंसिंग के मीटिंग आहूत हुयी है तो सम्बंधित को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जायेगा। जवाब के क्रम में अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।
देश के पीएम व् प्रदेश के सीएम जब भी मीटिंग लेते है तो डिस्टेंसिंग का ध्यान रख कर एक आदर्श प्रस्तुत करते है, लेकिन जनपद कौशाम्बी में अफसरशाही बेलगाम है जिसका बड़ा उदहारण सोशल मीडिया में वाइरल डॉक्टर्स की मीटिंग की तस्वीर कर रही है। ऐसे में सवाल यह है कि आम जनता पर ताबड़तोड़ कार्यवाही करने वाले आला अफसर क्या इन लापरवाह मातहत अफसरों पर कार्यवाही कर अपनी सकारात्मक ऊर्जा का प्रमाण जनता के सामने पेश करेंगे।