कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट की लाइब्रेरी अव्यवस्थित, कैग ने उठाए सवाल
कोलकाता। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने रखरखाव व निकर्षण गतिविधियों में खामियों को लेकर कोलकाता बंदरगाह न्यास (श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह) की खिंचाई की है। कैग का आरोप है कि इन खामियों के चलते न्यास को वर्ष 2013 से 2018 के दौरान 278.61 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।
कैग ने कहा, “यह देखा गया है कि 2013-14 से 2018-19 की अवधि में 81.68 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमएम3) के निकर्षण में 1,857.37 करोड़ रुपये का व्यय हुआ। इसमें से 12.25 एमएम-3 मलवा वापस शिपिंग चैनल में आ गया। यह 15 प्रतिशत का पुनर्चक्रणम हो गया। इससे केओपीटी की लागत 278.61 करोड़ रुपये बढ़ गई।’’
कैग ने सरकार को हाल ही में सौंपी गयी रिपोर्ट में कहा है कि केओपीटी के पास कोई रणनीतिक योजना नहीं थी। कैग ने ड्रेजिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीसीआईएल) के साथ ड्रेजिंग अनुबंध के निष्पादन में कमियों को भी उजागर किया है।
उल्लेखनीय है कि कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट की लाइब्रेरी में अव्यवस्था को लेकर कई बार सवाल खड़े किए जा चुके हैं। आरोप है कि केंद्र सरकार की ओर से लगातार वित्तीय मदद मिलने के बावजूद किताबों और बुनियादी ढांचे का बेहतर रखरखाव नहीं होता है।