संभलिए..:कहीं बच्चे को झूठ बोलने की आदत न पड़ जाए, इन तरीकों से आसानी से पकड़े झूठ
घर हो या फिर स्कूल… हमेशा बच्चों को सिखाया जाता है कि कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए। लेकिन फिर भी अधिकतर बच्चों में झूठ बोलने की आदत देखी जाती है। ये जरूरी नहीं है कि बच्चा कोई बड़ा झूठ ही बोले। कुछ बच्चे बातों ही बातों में छोटे-छोटे झूठ बोलते हैं। अक्सर देखा जाता है कि जब बच्चों से पूछा जाता है कि होमवर्क किया या खाना फिनिश किया, तो कई बार काम न करने के बावजूद हामी भरते हैं। मम्मियों को भले ही इसमें कोई बुराई न दिखाई दे, लेकिन बार-बार झूठ बोलना कुछ बच्चों की आदत में शुमार हो जाता है। यही वजह है कि वे बड़े-बड़े झूठ बोलने से भी नहीं कतराते। ऐसे में झूठ बोलना, उनके व्यवहार को खराब कर सकता है, जिसका असर भविष्य में बच्चों के रिश्तों पर भी पड़ता है।
बच्चे झूठ क्यों बोलते हैं?
सभी लोग बच्चों को सच बोलने का पाठ पढ़ाते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर क्यों बच्चे झूठ बोलते हैं? मनोवैज्ञानिक डॉ. समृद्धि खत्री बताती हैं कि बच्चों की झूठ बोलने की आदतों के पीछे कहीं न कहीं पैरेंट्स भी जिम्मेदार होते हैं। जब कोई बच्चा मम्मी-पापा की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाता, तो उसके मन में यह डर पैदा हो जाता है कि अगर ये बात पेरेंट्स को पता चल जाएगी तो वे नाराज होंगे। सजा और डांट से बचने के लिए वह झूठ बोलने लगता है। कई बार फैमिली में गुड ब्वॉय या गुड गर्ल के मानकों के कारण भी बच्चे झूठ बोलते हैं। एग्जाम के समय अच्छे मार्कस लाना, अपना सामान सही से रखना और मम्मी-पापा की हर बात मानना आदि चीजें कुछ बच्चे नहीं कर पाते। शर्मिदंगी से बचने के लिए उन्हें मजबूरन झूठ का सहारा लेना पड़ता है। इसके अलावा उनका मेंटल लेवल ऐसा नहीं होता कि वे अपनी गलतियों को याद करके उनसे सबक लें। इसलिए एक गलती के बाद दूसरी बार फिर झूठ बोल देते हैं। कई बार अपने आसपास के लोगों को देख कर भी उनमें ये आदत विकसित हो जाती है।
ऐसे आसानी से पकड़ सकते हैं बच्चों के झूठ
बच्चे के चेहरे के हाव-भाव देखें
जब आपको लगे कि बच्चा झूठ बोल रहा है तो उसके चेहरे को गौर से देखें। झूठ बोलते वक्त चेहरे के हाव-भाव बिल्कुल बदल जाते हैं। झूठ पकड़े जाने की चिंता से गालों का रंग बदल जाता है।
आंखों में देखें
झूठ बोलते हुए बच्चे सामने वाले की आंखों में आंखें डालकर नहीं देखते। वे नजरें चुराते हैं, या फिर कपड़े के कोने से खेलते हैं। कई बार उन्हें पसीना भी आने लगता है।
एक ही बात को दोहराना
जब भी बच्चे झूठ बोलते हैं तो एक ही बात को बार-बार दोहराते हैं। उन्हें लगता हैं कि इससे उनकी बात सच्ची लगेगी। जब आप बात बदल देते हैं तो रिएक्शन बिल्कुल बदल जाता है। इससे समझ जाइये कि वो झूठ बोल रहा है।
ओवररिएक्ट करना
अगर बच्चा किसी बात को छुपाते हुए ओवररिएक्ट करने लगे और एक ही सवाल बार-बार पूछे जाने पर चिड़चिड़ा दिखे, इसका मतलब मामला गड़बड़ है।
सवाल पूछने पर हिचकिचाना
कई बार बच्चे सवाल का जवाब देने में इतने उलझ जाते हैं कि सच्चाई जुबान पर आ जाती है। साधारण सा सवाल पूछने पर भी इधर-उधर देखने लगते हैं।
अपनाएं ये तरीके
बच्चे को डूज एंड डोंट्स बताएंसवालों के दें सही जवाबप्यार से समझाएंकभी भी बच्चे पर दबाव न बनाएंतारीफ करना न भूलेंबच्चों पर विश्वास दिखाएंबुरी आदतों में करें बदलाव