जानिए क्यों किया कर्मचारी शिक्षा समिति ने आंदोलन का ऐलान
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लखनऊ , प्रदेश के लाखों कर्मचारियों, शिक्षकों, दैनिक संविदा श्रमिक वर्कचार्ज कर्मियों एवं पेंशनर्स संगठनों के संयुक्त फोरम कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति उ0प्र0 की महत्वपूर्ण बैठक विधायक आवास, राजेन्द्र नगर, लखनऊ में माध्यमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष एवं निवर्तमान विधान परिषद सदस्य हेम सिंह पुण्डीर की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई, जिसमें समिति से जुड़े महासंघों/परिसंघों/संघों के शीर्ष पदाधिकारियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
बैठक में शीर्ष नेताओं ने केन्द्र/राज्य सरकार की कर्मचारी शिक्षक, पेंशनर्स एवं निम्न तथा मध्यम आय वर्ग जनमानस के हितों के विपरीत आर्थिक नीतियों एवं फैसलो पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है और सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर चरणबद्ध आन्दोलन का ऐलान किया है।
समन्वय समिति द्वारा लिये गये निर्णयों की सूचना समन्वयक अमरनाथ यादव द्वारा मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव एवं शासन के सम्बन्धित वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दी गयी है, जिसमें वार्ता के माध्यम से समाधान की मांग भी की गई है।
लिये गये निर्णयों की जानकारी देते हुये समन्वय समिति के प्रवक्ता बी0एल0 कुशवाहा एवं डाॅ0 आर0पी0 मिश्रा ने बताया कि –
1. दिनांक 27 अप्रैल को लखनऊ में प्रान्तीय प्रतिनिधियों का धरना होगा, जिसमें सभी सम्बद्ध संगठनों की जनपदीय कार्यकारिणी की भागीदारी का आवाहन किया गया है।
2. उससे पूर्व अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के आवाहन पर उत्तर प्रदेश में भी 26 फरवरी को भोजनावकाश के समय आमसभा कर मांगो का समर्थन किया जायेगा।
3. इस बीच जनपदों में प्रदेश व्यापी जागरूकता अभियान, सभायें, सम्मेलन, सेमिनार, गोष्ठी के माध्यम से कर्मचारियों, शिक्षकों को एकजुट व लामबन्द किया जायेगा और संगठनों की जिला शाखाओं द्वारा मांगो का ज्ञापन जिलाधिकारियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को प्रेषित किया जायेगा। माध्यमिक शिक्षक संघ ने पोस्ट कार्ड अभियान का आवाहन किया है।
4. समन्वय समिति ने जनपदों में बेहतर समन्वय के लिये सभी संगठनों के जिलाध्यक्ष/ मंत्रियों की सूची मांगी है।
5. अगली रणनीति की घोषणा 27 अपै्रल को लखनऊ में प्रान्तीय प्रतिनिधि धरने में की जायेगी।
शिक्षक कर्मचारी नेताओं ने कहा कि बेतहाशा बढ़ती मंहगाई में सरकार ने कोरोना की आड़ में कर्मचारियों, शिक्षकों, पेंशनर्स का मंहगाई भत्ता/मंहगाई राहत जनवरी 2020 से जुलाई 2021 तक फ्रीज करके इस अवधि का एरियर जब्त कर लिया है।
वर्तमान में 28 प्रतिशत डी0ए0/डी0आर0 है जो जुलाई मंे लगभग 32 प्रतिशत हो जायेगा। इसके विपरीत 17 प्रतिशत मात्र ही दिया जा रहा है। इस कटौती से फ्रंट लाइन पर लगे कोरोना वरियर्स को भी नहीं बक्शा गया। इसी अवधि में टाॅप लोन डिफाल्टर पूजीपतियों का 68000 करोड़ रुपया सरकार ने माफ कर दिया।
मेहनतकश कमेरा समाज का पेट, तन काटकर उद्योगपतियों का भला करने में सरकार लगी हुई है। अब जब सरकार स्वयं टैक्स कलेक्शन और अर्थ व्यवस्था में भारी वृद्धि का दावा कर रही है तो फिर डी0ए0/डी0आर0 बहाली क्यों नहीं की जा रही है? समन्वय समिति को आंशका है कि सरकार फ्रीजिंग अवधि आगे भी बढ़ा सकती है।
इसी तरह सभी रोगों के इलाज के लिये अनिवार्य कैशलेश इलाज की व्यवस्था करने, नई पेंशन योजना को समाप्त कर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने, स्थगित/समाप्त किये गये भत्तांे को बहाल करने, सरकारी संस्थानों का अंधाधुंध निजीकरण, आउटसोर्सिंग, ठेकेदारी प्रथा बन्द कर रिक्त पदों पर नियमित नियुक्तियां कर युवा बेरोजगारों को सेवा का अवसर देनें,
तदर्थ दैनिक संविदा वर्कचार्ज अंशकालिक शिक्षकों कर्मचारियों की सेवायें विनियमित करने और इस रूप में की गई सेवाओं को पेंशनरी लाभ हेतु गणना करने, समान कार्य के लिये समान वेतन का सिद्धान्त लागू करने, 50-55 वर्ष आयु वर्ग की जबरन सेवानिवृत्ति का आदेश निरस्त करने सहित समन्वय समिति की अन्य जायज मांगो के प्रति सरकार का उदासीन रवैया बना हुआ है जिससे असन्तोष बढ़ रहा है जो आने वाले दिनों में बड़े आन्दोलन का कारक बनेगा।
संसद में प्रस्तुत केन्द्रीय बजट में भी कर्मचारी शिक्षक पेंशनर्स सहित वर्किंग क्लास एवं निम्न व मध्यम आय वर्ग के लिये राहत नहीं प्रदान की गई है। इसके उलट बढ़ती मंहगाई पर नियंत्रण के उपाय करने की बजाय डीजल, पेट्रोल पर नये सेस लगाकर मंहगाई और बढ़ाने का काम सरकार ने किया है। सरकारी संस्थानों व बैंको के निजीकरण की कार्यवाही तेज करने का सरकार का इरादा पूंजीपतिपरस्त एवं जन विरोधी है, जिसका समन्वय समिति पुरजोर विरोध करती है।
बैठक में विधान परिषद में शिक्षक दल के नेता एवं आश्वासन समिति के अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी, एम0एल0सी0
शिक्षक विधायक ध्रुव कुमार त्रिपाठी,
पूर्व शिक्षक विधायकगण जगवीर किशोर जैन,
सुभाष चंद शर्मा एवं डाॅ0 प्रमोद कुमार मिश्रा,
प्राथमिक शिक्षक संघ के महामंत्री संजय सिंह कोषाध्यक्ष शिवशंकर पाण्डेय,
राज्य कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एस0पी0 सिंह अध्यक्ष कमलेश मिश्रा,
माध्यमिक शिक्षक संघ के महामंत्री इन्द्रासन सिंह रामेश्वर उपाध्याय,
फील्ड कर्मचारी फेडरेशन के संयोजक रामेश्वर प्रसाद पाण्डेय सह-संयोजक रेनू शुक्ला,
जल संस्थान कर्मचारी महासंघ के संरक्षक नेबू लाल अध्यक्ष रणवीर सिंह सिसोदिया महामंत्री राजेन्द्र यादव,
बाल विकास पुष्टाहार सुपरवाईजर्स एसोसिएशन की महामंत्री शशिकान्ता सरिता चैधरी,
अधीनस्थ कृषि सेवा संघ के अध्यक्ष राधा रमण मिश्रा महामंत्री अम्बा प्रकाश शर्मा,
ग्राम विकास अधिकारी संघ के अध्यक्ष गंगेश शुक्ला, अनु0 जाति प्राथमिक शिक्षक संघ समाज कल्याण के अध्यक्ष मिश्रीलाल यादव महामंत्री रामानन्द विश्वकर्मा,
स्वायत्त शासन कर्मचारी महासंघ के महामंत्री चन्द्रशेखर,
दैनिक वेतन संविदा श्रमिक महासंघ के महामंत्री रामभजन मौर्य,
सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन के कार्यकारी महामंत्री ओ0पी0 त्रिपाठी सहित मिनिस्टीरियल फेडरेशन,
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ, परिवहन कर्मचारी संघ,
वाणिज्य कर मिनिस्टीरियल कर्मचारी संघ,
जिला पंचायत कर्मचारी संघ आदि के प्रतिनिधियों ने विचार रखे।
बैठक के अन्त में शिक्षकों, कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के सर्वमान्य नेता स्व0 ओम प्रकाश शर्मा पूर्व एम0एल0सी0 के व्यक्तित्व कृतित्व, संघर्षों एवं योगदान को याद करते हुये 2 मिनट मौन धारण कर ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करने की प्रार्थना की गयी।