जानिए क्यों केरल में मिल रहे कोरोना के इतने ज्यादा केस
नई दिल्ली. देश के कुछ हिस्सों में इन दिनों एक बार फिर से कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के नए मामलों में तेजी दिखाई दे रही है. इनमें केरल (Kerala) में सबसे अधिक नए मामले देखने को मिल रहे हैं. ऐसे में सरकार अधिक से अधिक कोरोना टेस्टिंग (Covid 19 Test) करने की रणनीति अपनाना चाह रही है, जिससे कोरोना संक्रमितों (Corona Patients) की पहचान जल्द हो. इस बीच आंकड़ों पर ध्यान दें तो पता चलता है कि केरल में भले ही कोरोना संक्रमण के अधिक नए मामले सामने आ रहे हों, लेकिन टेस्टिंग के मामले में भी केरल पहले स्थान पर है. यह आंकड़े प्रति लाख आबादी पर आधारित हैं.केरल कोरोना टेस्टिंग के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रहा है. केरल में सात दिन के औसत के अनुसार प्रति दस लाख आबादी पर 4587 टेस्ट हुए. यह सभी राज्यों में सर्वाधिक है. वहीं राजस्थान में यह आंकड़ा 378 प्रति दस लाख है. इसके साथ ही पश्चिम बंगाल, हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात में भी यह आंकड़ा 1000 प्रति दस लाख आबादी से नीचे है.
यह आंकड़े यह भी बताते हैं कि जिन राज्यों में पहले कोरोना टेस्टिंग दर अधिक रही है, वहां भी अब यह कम हो गई है. वहीं जून के पहले हफ्ते में कुछ राज्यों में कोरोना की टेस्टिंग अधिक हो रही थी. अधिकांश राज्यों में अब दूसरी लहर के पहले के समय के मुकाबले अधिक कोरोना टेस्टिंग हो रही है
14 बड़े राज्यों की बात करें तो उनका मौजूदा औसत प्रति दस लाख आबादी पर 2000 टेस्ट से नीचे हैं. अन्य पांच राज्यों में कोरोना टेस्टिंग की औसत दर 1000 से नीचे हैं. बिहार में यह 1196 है तो उत्तर प्रदेश में यह 1052 है.