जानिए क्यों गिन गिनकर साँस लेने पर मजबूर है थैलेसीमिया से ग्रसित बच्चे
मऊ , सामान्य जीवन में व्यक्ति को एक दो बार इलाज के दौरान खून चढ़ाने की आवश्यकता होती है लेकिन उत्तर प्रदेश के मऊ में ऐसे दर्जनों बच्चे जीवन यापन करते हैं, जिन्हें हर 15 दिन पर उनके वजन के हिसाब से एक या दो यूनिट रक्त की जरूरत पड़ती है।
वह ब्लड “पीआरबीसी” के रूप में चाहिए। यदि उन्हें सामान्य ब्लड चढ़ा दिया जाए तो शरीर में आयरन की अधिकता होने से और गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं। ऐसे में जिला अस्पताल में कंपोजिट ब्लड बैंक की स्थापना नहीं होने से इन दो दर्जन से अधिक बच्चों और उनके अभिभावकों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
प्रख्यात बाल रोग विशेषज्ञ डॉ अन्नपूर्णा राय ने इस रोग के सम्बंध में आज कहा कि जन्म के समय से होने वाले इस रोग का इलाज बहुत ही दूरूह होता है। जिसका इलाज काफी महंगा साबित होता है। ऐसे में बच्चों को जीवित रखने के लिए प्रत्येक 15 दिन पर एक खास ब्लड रक्त उनके वजन के हिसाब से एक या दो यूनिट दिया जाता है।
जिसके माध्यम से इस बीमारी से ग्रसित रोगी का जीवन चल पाता है। पूर्व में इन्हें एसजीपीजीआई लखनऊ से वह ब्लड प्राप्त हो जाता था। लेकिन कोरोना कोविड के चलते लॉकडाउन के समय से पीजीआई से सुविधा मिलनी बंद हो गई। लिहाजा अब अभिभावक अपने बच्चों की सांसे जिंदा रखने के लिए प्राइवेट अस्पतालों में ब्लड की व्यवस्था कर इलाज करवाते हैं।
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डॉ राहुल राय ने बताया कि पीजीआई के साथ ही सोनभद्र में ऐसे मरीजों के लिए कंपोजिटर बैंक की व्यवस्था है जहां से बच्चों को निशुल्क रक्त उपलब्ध करा दिया जाता है। लेकिन मऊ में इसकी कोई व्यवस्था नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इसको लेकर रविवार की शाम पीड़ित परिवारों व सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर “मऊ थैलेसीमिया परिवार” समूह का गठन किया गया। जिसमें यह निर्णय लिया गया कि कमेटी द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिलाधिकारी सहित शासन प्रशासन व जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों से मिलकर जनपद में सरकारी कम्पोजिट रक्त बैंक की स्थापना की मांग की जाएगी।
जिनसे इन पीड़ित नौनिहाल बच्चों का समुचित इलाज हो सके। इस बैठक में अजहर कमाल फैजी, रवि कुशवानी, डॉ राहुल राय, श्रीराम जायसवाल, इश्तेयाक अहमद, खालिद मुस्तफा, आशीष जायसवाल, अयाज़, शमीम, घनश्याम, राशिद, परवेज, पारस, नवीन, विनय सहित दर्जनों पीङित बच्चे व परिजन मौजूद रहे।