जानिए बीजेपी अखिलेश को चुनौती देने के लिए क्या बना रही है रणनीति
लखनऊ, उत्तर प्रदेश में इस वक्त राजनीतिक गलियारों में काफी सरगर्मियां तेज है, सरगर्मियां तेज होने के दो कारणों की वजह दिखाई दे रही है।
पहला कारण यह है कि भारतीय जनता पार्टी में कई बदलाव के संकेत मिल रहे हैं।
दूसरा कारण यह है कि भारतीय जनता पार्टी का मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार उत्तर प्रदेश में अलग-अलग जनपदों का दौरा कर रहे हैं और अपनी पार्टी को और भी मजबूत करते ही जा रहे हैं, अखिलेश के इस विशेष सक्रियता को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी भी अपनी रणनीति को बदलने के लिए विचार विमर्श कर रही है।
यह दो कारण है जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश की राजनीति की सरगर्मियां काफी तेज हो गई है, फिलहाल इस वक्त उत्तर प्रदेश में ठंड का मौसम है लेकिन 2022 के चुनाव से पहले 2021 के इस ठंड के मौसम में गर्मी आ गई है, उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा प्रदेश है और उत्तर प्रदेश इतना बड़ा है कि यहां पर राजनीति करना बहुत आसान नहीं है, हर कोने पर नजर रखनी लगभग नामुमकिन है
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फिलहाल आपको ले चलते हैं मुख्य बिंदु पर भारतीय जनता पार्टी नई रणनीति बना रही है, अपने मुख्य विपक्षी दलों को रोकने के लिए।
अगर मुख्य विपक्षी दल की बात करें तो इस वक्त की जो लड़ाई भारतीय जनता पार्टी की दिखाई दे रही है उत्तर प्रदेश में वह सीधा समाजवादी पार्टी से दिखाई दे रही है, भारतीय जनता पार्टी समाजवादी पार्टी को रोकने के लिए अपने सरकार के मंत्रिमंडल से लेकर संगठन के पदाधिकारियों के पदों में बदलाव कर सकती है
विशेष सूत्रों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा लखनऊ के दो दिवसीय दौरे पर कई नई रणनीतियां बनाकर यूपी बीजेपी के संगठन को दे दिए हैं, यही रणनीति 2022 के चुनाव तक कायम रहेगी, आप सीधी भाषा में यह समझ सकते हैं कि 2022 के विधानसभा चुनाव के रणनीति की रूपरेखा जो है वह अभी से बननी शुरू हो गई है,
बीजेपी के विशेष सूत्रों की माने तो, जो 2022 के विधानसभा चुनाव की भारतीय जनता पार्टी रणनीति की चित्र बना रही है, उसमें पहला चित्र जातिगत समीकरण को देखते हुए बनाया जा रहा है जिसमें भारतीय जनता पार्टी के मंत्रिमंडल से लेकर भारतीय जनता पार्टी के संगठन के पदाधिकारियों में बदलाव के संकेत दिखाई दे रहे हैं,
विशेष सूत्रों की मानें तो बताया जा रहा है कि योगी के मंत्रिमंडल में ओबीसी चेहरों को बढ़ाया जा सकता है जिसमें यादव समाज के भी मंत्री को जगह दी जा सकती है इसके अलावा ओबीसी और एससी समाज के भी और कई मंत्रियों को योगी के मंत्रिमंडल में लाया जा सकता है, वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के एमएलसी अरविंद कुमार शर्मा को भी एक बड़ी जिम्मेदारी देने की बात चल रही है
अब देखना यह होगा कि भारतीय जनता पार्टी का रणनीति का चित्र की रूपरेखा जो बनाई जा रही है वह कितना सटीक बैठती है 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए और भाजपा अपने मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी को की तरह पीछे छोड़ने में कामयाब हो पाती है या नहीं