अयोध्या में 500 साल बाद रामलला चांदी के पालने में झूलेंगे, गर्भगृह भी सोने से बनाने की मांग उठी; पढ़िए मंदिर का कितना काम पूरा हुआ
अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर के शिला पूजन का एक साल पूरा हो जाएगा। कई दशकों से चल रही लड़ाई के बाद आखिरकार अब राम मंदिर का सपना पूरा होने जा रहा है। इस बार 11 अगस्त से शुरू हो रहे सावन झूला मेले को भी खास बनाने की तैयारी है।
मान्यता के अनुसार यह मेला सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि से 12 दिन चलता है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस बार रामलला को चांदी के पालने पर झूलाने का फैसला लिया है। ऐसा 500 साल बाद हो रहा है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक गोपालजी ने सोमवार को झूले का माप लिया है। वहीं गर्भगृह को सोने से बनवाने की मांग भी उठने लगी है। दैनिक भास्कर ने शिलापूजन के एक साल पूरे होने पर अयोध्या से ग्राउंड रिपोर्ट की है।
नींव की 44 लेयर में से 25 तैयार हुई
1528 से राम मंदिर आंदोलन चल रहा था। सुप्रीम कोर्ट से निर्माण का रास्ता निकलने के बाद बीते साल 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या पहुंचकर शिला पूजन किया था। इसके बाद अब राम मंदिर के नींव निर्माण तेजी के साथ चल रहा है। नींव 44 लेयर में बनाई जानी है। जिसमें से 25 लेयर तैयार हो चुकी है। मंदिर निर्माण के साथ अब रामलला को उनके गरिमा के अनुरूप सुविधाएं देने की तैयारी है।
नींव निर्माण का काम 50 फीसदी पूरा हो चुका है।
मणिपर्वत झूला से शुरू होगा सावन मेला
शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कनक भवन मणिराम दास जी की छावनी, श्रीरामवल्लभाकुंज, दशरथ महल, कोशलेस कुंज आदि सौ से ज्यादा मंदिरों से भगवान की मूर्तियां मणिपर्वत पर झूलन के लिए समारोह पूर्वक ले जाई जाती हैं। मणिपर्वत झूला के बाद मंदिरों की मूर्तियां मंदिरों में वापस आने पर पूरे सावन माह यह उत्सव चलता है।
कुछ संतों ने मांग की थी कि रामलला जब विवादों से मुक्त हो चुके हैं तो उन्हें भी मणिपर्वत झूला के लिए ले जाया जाना चाहिए। इस पर श्रीराम वल्लभाकुंज के प्रमुख स्वामी राजकुमार दास ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि पर रामलला बालरूप में हैं। इस अवस्था में वे अत्यन्त कोमल हैं और मां की गोद ही बच्चे के लिए सबसे बढ़िया झूला है। इसलिए सुरक्षा व रामलला की अवस्था को देखते हुए यह मांग कतई उचित नहीं है।
राम मंदिर के नींव पर चल रहा काम। बारिश के चलते प्रभावित हुआ है।
राममंदिर का गर्भगृह सोने का बनाने की मांग
शिवसेना ने अयोध्या में बन रहे भगवान राम के मंदिर का गर्भगृह सोने का बनाए जाने की मांग की है। शिवसेना पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रमुख और विवादित ढांचा ढहाने के आरोपी रहे संतोष दूबे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस संबंध में रजिस्टर्ड डाक से पत्र भेजा है।
उन्होंने पत्र में प्रधानमंत्री से मांग की है कि भगवान रामलला के मंदिर का गर्भगृह सोने का बनाया जाए। 500 वर्ष के कड़े संघर्ष के बाद यह मंगल समय आया है। हिंदू समाज की जन भावना है कि हमारे आराध्य के मंदिर का गर्भगृह सोने का हो।
5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री ने अयोध्या में शिला पूजन किया था।
राम मंदिर के भूमि पूजन को एक वर्ष पूरा, पीएम करें घोषणा
उन्होंने कहा कि सोने से निर्मित भगवान श्रीराम का गर्भगृह बनने से हम सभी हिंदुओं को बड़ा सुकून मिलेगा। राम मंदिर के भूमि पूजन को 5 अगस्त को एक वर्ष पूरा हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी को चाहिए कि उसी दिन मंदिर के गर्भगृह को सोने का बनाने की घोषणा कर दें। इससे आम जनमानस में खुशी की लहर दौड़ जाएगी।