UP में 90 प्रतिशत किसानों को नहीं मिलेगा किसान सम्मान निधि का पैसा, जानिए क्या है इसकी वजह
News Nasha
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में किसान सम्मान निधि की बाट जोह रहे किसानों को अभी इस सहायता राशि के लिये लंबा इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि मोदी सरकार ने किसान सम्मान निधि पाने वाले किसानों के कृषक भूमि का सत्यापन कर उसका डाटा अपलोड करना अनिवार्य कर दिया है। लेकिन यूपी सरकार के अधिकारियों की लापरवाही से अभी तक पूरे प्रदेश में 3 फीसदी से भी कम किसानों का डाटा अपलोड हो सका है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही किसानों को सुविधाएं पहुंचाने के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं, लेकिन उनकी लाख कोशिशों के बावजूद अधिकारियों की लापरवाही से किसानों को मिलने वाली सुविधाएं, उन्हें नहीं मिल पा रही हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत कृषकों की भूमि सत्यापन डाटा को अपलोड करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई थी, लेकिन लक्ष्य का सत्यापन तीन फीसदी भी नहीं हो पाया है।
यह तो शुक्र मनाइए कि अपलोड करने का समय 25 अगस्त तक बढ़ गया है, लेकिन फिर इस पहाड़ जैसे डाटा एक सप्ताह में अपलोड करना बेहद मुश्किल है। स्थिति यह है कि 28576254 किसानों के भूलेख का डाटा फिट करना है, इसमें से 12 अगस्त तक मात्र 870818 किसानों का भूलेख ही अपलोड हो पाया है। इसको लेकर अपर मुख्य सचिव डाक्टर देवेश चतुर्वेदी ने सभी मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर जल्द डाटा अपलोड कराने के निर्देश भी दिये हैं।
पत्रांक संख्या 66/2022/485/12-5-2022-सा. 01/2019 में कहा गया है कि शासनादेश संख्या 42/2022/14-भास/12/05/2022 के तहत 30 जून 2022 को ही आदेश दिया गया था कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनातंर्गत जनपद स्तर पर कृषकों की भूमि का सत्यापन डाटा की अपलोडिंग एवं ई-केवाईसी विषयक कार्य 31 जुलाई तक शत-प्रतिशत पूर्ण कर लिये जाएं। इस संदर्भ में बार-बार विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भी अवगत कराया जाता रहा है।
क्या रूक सकता है किसान सम्मान निधि का पैसा:
इसके बावजूद स्थिति अत्यंत असंतोष जनक है। कार्य पूर्ण न होने के दृष्टिगत भारत सरकार द्वारा इस विषय में शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण किये जाने के लिए समय सीमा 25 अगस्त निर्धारित की गई है। यदि समय से अपलोडिंग का कार्य नहीं हुआ, तो राज्य के कृषकों को लाभ भी समय से नहीं मिल सकेगा। ऐसी दशा में बाध्य होकर जनपद स्तर पर उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए संबंधित के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
नहीं हुआ समय से अपलोडिंग का कार्य:
यह बता दें कि अंबेडकरनगर, अमेठी, बस्ती, चंदौली, हापुड़, जालौन, सिद्धार्थनगर, लखनऊ, मऊ, सहारनपुर, हमीरपुर जिलों में तो अपलोडिंग 12 अगस्त तक शून्य रही। वहीं प्रदेश की स्थिति यह है कि 28576254 कृषकों का भूलेख अंकन के लिए डाउनलोड किये कृषकों की संख्या है, जिसमें तहसीलों द्वारा पीएम किसान पोर्टल पर अपलोड की प्रगति 12 अगस्त तक मात्र 870818 कृषकों का ही सत्यापन के बाद अपलोड हो सका है अर्थात अभी 2,77,05,436 किसानों का सत्यापन अपलोड करना है।
कृषकों को लाभ समय से नहीं मिल सकेगा:
वहीं लेखपालों द्वारा हार्ड कापी पर भूलेख अंकित कुल कृषकों की संख्या 10139627 है अर्थात उनके द्वारा किया गया काम भी 35.48 प्रतिशत ही है। लेखपालों द्वारा कुल डाउनलोड के सापेक्ष भूलेख अंकन का प्रतिशत देखें, तो प्रदेश में सबसे अधिक अमरोहा में 92.13 प्रतिशत है। ऐसे में एक सप्ताह के भीतर यह अपलोडिंग हो पाती है अथवा नहीं, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।