मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत
राकेश टिकैत बोले- यहां अल्लाह हू अकबर और हर-हर महादेव के नारे लगते रहेंगे; योगेंद्र यादव ने बताए- योगी सरकार के 5 पाप
महापंचायत में दो घंटे इंटरनेट बंद रहा, किसानों ने CM योगी के होर्डिंग व बैनर फाड़े
केंद्र सरकार के 3 नए कृषि कानूनों के विरोध में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में रविवार को संयुक्त किसान मोर्चे ने किसान महापंचायत की। यहां भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत जमकर गरजे। उन्होंने 10 फीट ऊंचे मंच से कहा कि इस सरकार ने पूरे देश को बेच दिया। अब लड़ाई ‘मिशन यूपी’ और ‘मिशन उत्तराखंड’ की नहीं, बल्कि देश को बचाने की है। यह आंदोलन देश के किसानों के बूते लड़ा जाएगा।
आगे राकेश टिकैत ने कहा कि हम वो नहीं हैं, जो झोला उठाकर चल देंगे। मैं किसान हूं और किसान ही रहूंगा। आखिरी दम तक किसानों के साथ रहूंगा। किसानों के हक की लड़ाई के लिए हम हमेशा किसानों के साथ रहे हैं, और मरते दम तक किसानों की लड़ाई लड़ेंगे। बता दें कि इससे पहले आंदोलन में आक्रोशित किसानों ने शहर में लगे सीएम के बड़े-बड़े होर्डिंग को फाड़कर फेंक दिया। इस बीच करीब 2 घंटे इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई।
अल्लाह हू अकबर और हर-हर महादेव के नारे लगते रहेंगे
वहीं, महापंचायत में राकेश टिकैत ने कहा कि अल्लाह हू अकबर और हर-हर महादेव के नारे हमेशा लगते रहे हैं और लगते रहेंगे। हम यहां दंगा नहीं होने देंगे। यह देश हमारा है, यह प्रदेश हमारा है, यह जिला हमारा है। लाल किले पर हमारे लोग नहीं गए। देश में कैमरा और कलम पर बंदूक का पहरा है। आगे भी आंदोलन जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि यह याद करते रहना कि हम वहां से हटेंगे नहीं। साढ़े 450 रुपए कुंतल गन्ने का रेट चाहिए। MSP की गारंटी चाहिए। पूरे देश में संयुक्त मोर्चा आंदोलन करेगा। किसानों की यह लड़ाई आप (किसान) के दम पर लड़ी जाएगी। आज आप मुजफ्फरनगर में आए और पूरे देश को किसानों की ताकत दिखाई। 20 लाख की भीड़ यहां जुटी।
सरकार ने किसानों के साथ सभी को धोखा दिया
राकेश टिकैत ने कहा कि देश की सरकार ने किसानों के साथ सभी को धोखा दिया है। रेल, बिजली, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान, सड़कें, FCI के गोदाम, बंदरगाह प्राइवेट कंपनियों को बेच दिए गए हैं। अब खेती-बाड़ी भी इन कंपनियों को बेचने की तैयारी है। एक तरह से पूरा भारत बिकाऊ हो गया है। उन्होंने कहा कि शुगर मिलों पर गन्ना किसानों का 12 हजार करोड़ रुपया बकाया है। पिछली दो सरकार ने गन्ने का रेट बढ़ाया है, लेकिन योगी सरकार ने फूटी कौड़ी तक नहीं बढ़ाई। जब हम किसानों के हित की बात करते हैं तो सरकार इसे राजनीति बताती है।
जब तक नहीं वापस होगा कृषि कानून, नहीं हटेंगे दिल्ली के बॉर्डर से
उन्होंने कहा कि पूरे देश का निजीकरण हो रहा है। ऐसे में रोजगार के साधन खत्म हो रहे हैं। यह लड़ाई सिर्फ किसानों की नहीं, बल्कि नौकरीपेशा, मजदूर, मेहनतकश समेत सभी वर्गों की है। टिकैत ने स्पष्ट कह दिया है कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं होंगे, वह दिल्ली के बॉर्डर से नहीं हटेंगे। चाहें हमारी कब्रगाह ही बॉर्डर पर क्यों न बनानी पड़े। इसके लिए सरकार को वोट की चोट देनी होगी। लड़ाई किसानों समेत सभी वर्गों के दम पर लड़ी जाएगी।
आगे बोलते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि यह सरकार तोड़ने का काम करती है और हम जोड़ने का काम करते हैं। हमने उस समय भी कह दिया था कि कब्रगाह हमारी यहीं बनेगी। इस तरह की सरकार यदि देश में होगी तो यह दंगा करवाने का काम करेंगे।
योगेंद्र ने बताए योगी सरकार के 5 पाप
वहीं, इससे पहले स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि सौ सुनार की, एक लोहार की। आज किसानों ने जवाब दे दिया सबको। जो कह रहे थे कि ये आंदोलन ढीला पड़ गया है। आज किसानों की भीड़ से मुजफ्फरनगर शहर ही छोटा पड़ गया।उन्होंने कहा कि कर्जमाफी के नाम पर ढोंग किया। कर्ज करोड़ों किसानों का था। सरकार ने 86 लाख का माफ करने का वादा किया, मगर RTI में आधे किसानों का कर्ज माफ न होने की जानकारी हुई।सरकार ने 4 साल से गन्ना रेट नहीं बढ़ाया। पिछला बकाया तक नहीं दिया। 7295 करोड़ पिछले सीजन का चीनी मिलों पर बकाया है। 8700 करोड़ का ब्याज गन्ना किसानों का सरकार पर उधार है।गेहूं की 18 फीसदी सरकारी खरीद हुई। सरसों की एक फीसदी, चने की 0, मूंग, मसूर की 0, मक्का की 0 फीसदी खरीद की।पीएम फसल बीमा उत्तर प्रदेश में 2017 में 72 लाख किसानों का था। आज 72 से हटकर 47 लाख किसानों का रह गया है। कंपनियों ने बीमा के नाम पर ढाई हजार करोड़ का मुनाफा कमाया।इस सरकार ने जाति के नाम पर तोड़ने की कोशिश की। पहली बार मंत्रिमंडल में जाति गिनाई गई। इसी मुजफ्फरनगर में खून की नदियां बहाईं। तुम तोड़ोगे, हम जोड़ेंगे।
प्रियंका ने ट्वीट कर किया समर्थन
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर किसान महापंचायत का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि किसान इस देश की आवाज हैं। किसान देश का गौरव हैं। किसानों की हुंकार के सामने किसी भी सत्ता का अहंकार नहीं चलता। खेती-किसानी को बचाने और अपनी मेहनत का हक मांगने की लड़ाई में पूरा देश किसानों के साथ है।
महापंचायत केंद्र सरकार के 3 नए कृषि कानूनों के विरोध में है।
आखिर एक मंच पर आईं गठवाला-बालियान खाप
मुजफ्फरनगर में भाजपा विधायक उमेश मलिक के काफिले पर हमले के बाद गठवाला और बालियान खाप के बीच बढ़ी दूरियों को मिटाने के लिए हरसंभव कोशिशें जारी हैं। उस समय इनमें मनमुटाव हो गया था। इन दूरियों को कम करने के लिए मुजफ्फरनगर में किसान-मजदूर महापंचायत की अध्यक्षता गठवाला खाप के थाम्बेदार श्याम सिंह मलिक से कराई जा रही है। गठवाला खाप का पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में अच्छा खासा वर्चस्व है। वेस्ट यूपी और हरियाणा में गठवाला गोत्र के गांव बहुतायत में हैं।
दावा है कि 6 लाख किसान इस आंदोलन में शामिल हुए।
नरेश की पहल रंग लाई
चूंकि गठवाला गोत्र, मलिक गोत्र से निकला हुआ है, इसलिए गठवाला खाप ने विधायक काफिले पर हमले का विरोध किया। इसके बाद गठवाला के बालियान गोत्र से मनमुटाव हो गए। बालियान खाप के थाम्बेदार स्वयं भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत हैं। शुरुआत में गठवाला खाप ने यह तक कह दिया कि वह इस महापंचायत में नहीं जाएंगे। इसके बाद बालियान थाम्बेदार नरेश टिकैत ने गठवाला थाम्बेदार को मनाने की पहल की। 5 दिन पहले दोनों दोनों खाप के सुर एक जैसे हो गए।
महापंचायत में शामिल होने के लिए देश के कोने-कोने से किसान पहुंचे।
RAF समेत 3800 जवानों की डयूटी लगाई गई
महापंचायत स्थल पर सुरक्षा संबंधी भारी बंदोबस्त किए गए हैं। रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) व पीएसी समेत 10 कंपनी फोर्स लगाई गई है। पुलिस मुख्यालय से 3 IPS, 11 एडिशनल एसपी, 16 DSP लगाए गए हैं। 300 पुलिसकर्मी यातायात व्यवस्था के लिए लगाए गए हैं। यूपी पुलिस के 2500 जवान महापंचायत स्थल, शहर और मुख्य मार्गों पर तैनात किए गए हैं। मंच के आसपास 2 एडिशनल एसपी लगाए गए हैं। डॉग स्क्वॉयड व बम निरोधक दस्ता भी तैनात किया गया है।
पुलिस मुख्यालय से 3 IPS, 11 एडिशनल एसपी, 16 DSP लगाए गए हैं।
दूर-दराज के राज्यों से भी पहुंचे किसान
महापंचायत में यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार, तेलंगाना, पंजाब के किसान रात में ही महापंचायत स्थल के पास पहुंच गए थे। इस दौरान हाथ में झंडे लिए किसान ‘एकता जिंदाबाद’, ‘किसानों की ताकत देखेगा भारत’, ‘5 सितंबर ऐतिहासिक किसान महापंचायत’, ‘क्रांति की धरा मुजफ्फरनगर रचेगी किसान आंदोलन का इतिहास’ जैसे नारे सुनाई पड़ते रहे। मैदान में सुबह से ही किसानों का सैलाब दिखने लगा है। लाउड स्पीकर की आवाज भी शहर भर में गूंज रही हैं।