खट्टर ने दिये गांवों में सेनिटाइजेशन अभियान शुरू करने के निर्देश
चंडीगढ़, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना के दस्तक देने के मद्देनज़र प्रत्येक गांवों में सेनीटाईजेशन करने के निर्देश दिए हैं।
खट्टर ने गांवों में घर-घर जांच और सामान्य स्वास्थ्य जांच कराने की योजना की जिला उपायुक्तों के साथ आज यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में समीक्षा करने के दौरान ये निर्देश दिये। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चैटाला भी उपस्थित थे जबकि गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज वीडियो कांफ्रेंसिंह के माध्यम से जुड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जांच और स्वास्थ्य जांच करने के लिए आठ हजार टीमों का गठन किया गया है जिनमें से एक हजार टीमें शीघ्र ही सक्रिय ढंग से कार्य करना आरम्भ कर देंगी। उन्होंने निर्देश दिए कि 10 दिन के भींतर हर गांव के प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिंग एवं सामान्य स्वास्थ्य जांच पूरी की जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप को ध्यान में रखते हुए गांवों के लिए यह व्यवस्था बनाई गई है ताकि इस पर जल्द नियंत्रण पाया जा सके।
उन्होंने कहा कि होम आईसोलेशन में रह रहे कोविड मरीजों को ऑक्सीजन सिलिंडर रिफिलिंग की होम डिलिवरी समय से कराने की व्यवस्था की जाऐ। जिस मरीज ने निर्धारित पोर्टल पर पंजीकरण किया है उसे जल्द सिलिंडर मिलना चाहिए। इसके लिए जरूरत हो तो पीसीआर की सुविधा भी ली जाए। उन्होंने कहा कि जिन होम आईसोलेशन मरीजों के पास ऑक्सीजन सिलिंडर नहीं हैं ऐसे रोगियों के लिए सम्बधित उपायुक्त अपने स्तर पर सिलिंडर की व्यवस्था करें। इसके साथ ही ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी क्षमता अनुसार उपयोग में लाए जाएं।
खट्टर के अनुसार पुलिस विभाग से 20-20 गाड़ियां हर जिले में दी जा चुकी हैं और रोडवेज की पांच-पांच मिनी बसें एम्बुलेंस में बदलकर दी गई हैं। इसलिए किसी भी मरीज को कोई भी परेशानी परिवहन सम्बंधी नहीं आनी चाहिए।
उन्हाेंने कहा कि गांवों में कोविड नियंत्रण के लिए आईसोलेशन सेंटर एवं अन्य व्यवस्थाएं करने के लिए फंड जारी कर दिया गया है। सम्बंधित अधिकारी जल्द गांव-गांव का सेनीटाईजेशन कराएं और साथ ही मलेरिया को ध्यान में रखते हुए फॉगिंग की व्यवस्था भी करें। उन्होंने कहा कि प्राईवेट अस्पतालों में कुछ बेड रेफरल केस के लिए निर्धारित रखें। पानीपत और हिसार में कोविड अस्पताल शीघ्र ही कार्य करना शुरू कर देंगे। इन अस्पतालों में भी आसपास के जिलों के रेफरल केस भेजे जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन दिन से लगातार कोरोना रोगियों की संख्या में कमी आ रही है। इसके बावजूद सतर्कता से कार्य करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने इस दौरान प्रत्येक जिले से गांवों में हॉट स्पॉट की संख्या भी जानी और आवश्यक व्यवस्थाएं जल्द करने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के दूर दराज इलाकों में रहने वालों को वैक्सीन लगाने के लिए विशेष योजना बनाने और जिन्हें दूसरी डोज लगनी है उन्हें प्राथमिकता देने को कहा।
उन्होंने कहा कि जो प्राईवेट अस्पताल कोरोना रोगियों से सरकार द्वारा निर्धारित रेट से ज्यादा ले रहे हैं और ऐसे अस्पतालों के खिलाफ शिकायत आती हैं तो तुरंत मामला दर्ज किया जाए। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों को राज्य के रोगियों को दाखिल करने पर एक हजार रुपए प्रति व्यक्ति प्रति दिन के हिसाब से राशि दी जाएगी। इसके लिए अस्पतालों को रोगी का एडमिशन एवं डिस्चार्ज एचआरहील पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है।
इस दौरान राज्य के मुख्य सचिव विजय वर्धन ने सभी अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेजों में कोविड में कार्य कर रही नर्सों एवं अन्य मेडिकल स्टाॅफ के लिए खाने एवं ट्रांसपोर्ट की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कोविड से लड़ाई में फ्रंट लाईन में कार्य करने वाले कर्मचारियों के परिजनों से सीधे सम्पर्क स्थापित करके उनके लिए जरूरी व्यवस्थाएं करने को भी कहा। साथ ही, उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षकों को कहा कि वे फील्द में जाकर लोगों की समस्याएं जानें।
बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी. एस. ढेसी, अतिरिक्त मुख्य सचिव पी. के. दास, आलोक निगम, राजीव अरोड़ा, ए के सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. अमित अग्रवाल एवं अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।