राज्यसभा में खरगे ने पीएम मोदी को लिया निशाने पर
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सच बोलने वाले अक्सर बहुत ही कम बोलते हैं, झूठ बोलने वाले लेकिन निरंतर हरदम बोलते हैं. एक सच के बाद और सच की जरूरत नहीं होती
संसद में नीट पेपर लीक मामले को लेकर विपक्ष लगातार चर्चा की मांग कर रहा है। दोनों सदनों में विपक्ष का प्रदर्शन भी देखने को मिला। वहीं सोमवार को राज्यसभा में कुछ ऐसा हुआ कि स्पीकर जगदीप धनखड़ खिलखिलाकर हंस पड़े। दरअसल राज्यसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पेपर लीक को लेकर अपनी बात रख रहे थे। इसी दौरान खरगे ने कहा कि ‘आपने नई शिक्षण प्रथा भी शुरू की है… आप नहीं मतलब सरकार ने’ इतना सुनकर धनखड़ हंस पड़े।
खरगे राज्यसभा में परीक्षा लीक मुद्दे पर अपनी बात रख रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने आईआईटी जैसे संस्थानों में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का काम किया। आज दुनियाभर में डॉक्टर्स, इंजीनियर और वैज्ञानिकों को सम्मान और नौकरी मिलती है। उनकी डिग्रियों को इज्जत मिलती है। अगर डिग्रियों को इज्जत दिलवाना है तो इस तरह की गड़बड़ घोटाले बंद करने होंगे।
उन्होंने कहा, ‘अगर मौजूदा हालात नहीं सुधरे तो पूरी दुनिया में हमारी शिक्षा प्रणाली की क्रेडिविलिटी खतरे में पड़ जाएगी। हर डिग्री पर संदेह होगा। आपने शिक्षण प्रथा भी शुरू की है। आपने मतलब आपने नहीं सरकार ने..’ इतना सुनकर धनखड़ खिलखिलाकर हंसने लगे।
इसके थोड़ी देर बाद ही सदन का माहौल बदल गया। दरअसल, खरगे ने कहा कि पिछले 10 सालों में देश के शिक्षण संस्थानों पर आरएसएस के लोगों ने कब्जा कर लिया है। यूनिवर्सिटी, सीबीएसई जैसी जगहों पर आरएसएस के लोगों को जगह मिली है और अच्छे विचारों के लोगों को जगह नहीं मिल रही है। इतना सुनकर स्पीकर धनखड़ भड़क गए। उन्होंने कहा कि ऐसा कहना ठीक नहीं है, क्या किसी संस्था का सदस्य होना अपराध है। क्या आरएसएस का सदस्य होना अपराध है। आरएसएस के राष्ट्र हित में काम कर रहे हैं। कब्जे जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना बिल्कुल गलत है।
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सच बोलने वाले अक्सर बहुत ही कम बोलते हैं, झूठ बोलने वाले लेकिन निरंतर हरदम बोलते हैं. एक सच के बाद और सच की जरूरत नहीं होती. एक झूठ के बाद सैकड़ों झूठ आदतन बोलते हैं. ये मोदी साहब की वाणी है. उन्होंने आगे कहा कि इसे सुनकर अगर आपको या किसी को दुख हुआ तो मैं हाथ जोड़कर क्षमा मांगता हूं. इसके बाद उन्होंने हाथ जोड़कर सभापति जगदीप धनखड़ की ओर इशारा किया. इस दौरान सत्ता पक्ष के सांसदों ने काफी हंगामा भी किया.