केरल सोना तस्करी केस: आरोपी का बड़ा दावा- CM विजयन UAE ले गए थे नोटों के बंडल
तिरुवनंतपुरम. केरल के सोना तस्करी केस (Gold Smuggling Case) में बड़ा खुलासा हुआ है. राजनयिक कार्गो के जरिये केरल में यूएई के वाणिज्य दूतावास के लिए सोना तस्करी करने के आरोपी ने दावा किया है कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Pinarayi Vijayan) 2017 में अपनी एक यात्रा के दौरान यूएई में नोटों का बंडल लेकर गए थे.
कस्टम विभाग ने दावा किया कि यह बयान वाणिज्य दूतावास के पूर्व कर्मचारी पीएस सरित ने अक्टूबर में एक बयान में दिया था. यह अगस्त 2019 में सोने की तस्करी के मामले की जांच के दौरान सामने आया था, जब वाणिज्य दूतावास के पूर्व वित्तीय प्रमुख खालिद मोहम्मद अल शौकरी द्वारा 1.90 लाख अमेरिकी डॉलर के अवैध निर्यात का पता लगा था और इसकी जांच की जा रही थी. कस्टम विभाग ने डॉलर के अवैध निर्यात में नामजद छह व्यक्तियों को 29 जुलाई को जारी कारण बताओ नोटिस में सीएम विजयन के खिलाफ दावे का उल्लेख किया है.
इससे पहले सीपीएम नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पी श्रीरामकृष्णन का नाम विदेशी मुद्रा की कथित तस्करी के मामले में सामने आया था. बुधवार को श्रीरामकृष्णन ने कहा कि कस्टम विभाग ने उन्हें कोई कारण बताओ नोटिस जारी नहीं किया था. उनका कहना है, ‘कस्टम विभाग मेरे बयान और मेरी बेगुनाही के बारे में आश्वस्त है. नहीं तो वे मुझे भी नोटिस देते.’ आरोप सामने आने के बाद पी शिवशंकर को निलंबित कर दिया गया था.
केरल हाईकोर्ट ने बुधवार को विजयन सरकार द्वारा एक आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मुख्यमंत्री को सोने की तस्करी के मामले में फंसाने के किसी भी प्रयास को देखने के लिए एक जांच आयोग नियुक्त किया गया था. कहा गया था कि समानांतर जांच इस जांच को पटरी से उतार देगी. वामदल की सरकार ने 7 मई को जांच आयोग गठित किया था. ईडी की एक याचिका पर अदालत ने रोक लगा दी थी.
सरित के अनुसार, स्वप्ना ने इस संबंध में विजयन के सहयोगी शिवशंकर का कॉन्टैक्ट नंबर मांगा. सरित ने कहा कि सीएम विजयन के संयुक्त अरब अमीरात के लिए रवाना होने के बाद स्वप्ना ने उन्हें फोन किया और कहा कि कॉन्सुल जनरल चाहते हैं कि वह एक पैकेट ले, जिसे सीएम ले जाना भूल गए थे. सरित ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार के विभाग के एक कर्मचारी से सचिवालय से एक पैकेट उठाया था.सरित के हवाले से कहा गया है कि उन्होंने दूतावास में एक्सरे मशीन में पैकेट डालने का फैसला किया. इसमें उन्होंने पाया कि पैकेट में नोटों का एक बंडल और कुछ अन्य सामान था. यह बात उन्होंने गुप्त रूप से स्वप्ना को बताई. स्वप्ना के निर्देशों के अनुसार उन्होंने कॉन्सुल जनरल के निर्देश पर उस पैकेट को मुख्यमंत्री को सौंपने के लिए यूएई की यात्रा कर रहे वाणिज्य दूतावास के एडमिन अताशे अहमद अल दुखी को सौंप दिया.