देश के नाम उपलब्धि:केरल के केवलम और पुडुचेरी के ईडन बीच को मिला ‘ब्लू फ्लैग’ का सर्टिफिकेट,
देश में ऐसे समुद्रतटों की संख्या बढ़कर 10 हुई; जानिए इसके मायने
केरल का कोवलम बीच।
देश के दो समुद्रतटों को ‘ब्लू फ्लैग’ सर्टिफिकेट मिला है। इनमें केरल का कोवलम और पुडुचेरी का ईडन बीच शामिल है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया पर इसकी घोषणा की है। अब तक भारत में ब्लू फ्लैग पाने वाले बीचों की संख्या 10 हो गई है। देश में 8 समुद्रतटों को पिछले साल ‘ब्लू फ्लैग’ सर्टिफिकेट मिला था।
क्या है ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट, अब तक देश के किन समुद्रतटों को मिला यह सर्टिफिकेट और देश के लिए इस उपलब्धि के मायने क्या हैं, जानिए इन सवालों के जवाब…
क्या है ‘ब्लू फ्लैग’ सर्टिफिकेट?
डेनमार्क की संस्था फाउंडेशन फॉर एनवायर्नमेंट एजुकेशन (FEE) समुद्रतटों को ‘ब्लू फ्लैग’ सर्टिफिकेट देने का काम करती है। यह एक तरह का इको-लेबल है और दुनियाभर में इसे मान्यता प्राप्त है। यह सर्टिफिकेट पाने वाले समुद्रतटों को कई स्तर पर जांचा-परखा जाता है, इसके बाद ही सर्टिफिकेट दिया है।
कैसे जारी होता है ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट?
किसी समुद्रतट को यह सर्टिफिकेट देने से पहले संस्था 33 कड़े मानदंडों के आधार पर उसे जांचती है। पर्यावरण, नहाने के पानी की क्वालिटी, पर्यावरण प्रबंधन, समुद्रतटों पर मिलने वाली सुरक्षा और सेवाओं जैसे 33 मानकों पर खरा उतरने वाले समुद्रतटों को यह सर्टिफिकेट मिलता है।
इस सर्टिफिकेट के मायने क्या हैं?
इसका सबसे बड़ा फायदा इको-टूरिज्म से जुड़ा है। ट्रैवल करने वाले सैलानियों को ब्लू फ्लैग से पता चल पाता कि कि देश में कौन से समुद्रतट घूमने या समय बिताने के लिए सबसे बेहतर हैं। जहां उन्हें नहाने के लिए साफ पानी, सुरक्षित और स्वस्थ माहौल मिल सकता है। पर्यटकों के लिहाज से यह देश की आर्थिक को बेहतर करने में भी रोल अदा करता है।
यह कैसे संभव हुआ?
पर्यावरण मंत्रालय की ओर समुद्रतटों की सफाई के लिए 5 जून 2018 को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर ‘आई एम सेविंग माय बीच’ अभियान की शुरुआत हुई थी। देश के समुद्रतट वाले 13 राज्यों में इस अभियान की शुरुआत हुई थी। इस अभियान के जरिए समुद्रतटों की सफाई के बाद स्थिति पहले से बेहतर हुई और देश को यह उपलब्धि हासिल हुई।
यह है पुडुचेरी का ईडन बीच और उसके आसपास टूरिस्ट के लिए डेवलप किया गया इलाका।
2020 में इन 8 समुद्रतटों को मिला ‘ब्लू फ्लैग’
शिवराजपुर-गुजरातघोघला-दीव, कासरकोड और पदुबिद्री-कर्नाटककप्पड-केरलरुशिकोंडा- आंध्रगोल्डन-ओडिशाराधानगर- अंडमान और निकोबार