Crackers पर बैन: केजरीवाल का बयान
Crackers पर प्रतिबंध को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी सरकार का बचाव किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कोई एहसान नहीं है,
दिल्ली में Crackers पर प्रतिबंध को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी सरकार का बचाव किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कोई एहसान नहीं है, बल्कि एक आवश्यक कदम है। उनका मानना है कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए यह निर्णय जरूरी था।
हिंदू-मुसलमान का विवाद
केजरीवाल ने कहा, “इस मामले में न तो कोई हिंदू-मुसलमान है और न ही किसी समुदाय विशेष का भेद। हमारा मुख्य उद्देश्य दिल्ली के लोगों की सेहत और जीवन की सुरक्षा है।” उन्होंने कहा कि त्योहारों के दौरान प्रदूषण के स्तर में वृद्धि से लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों पर।
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प्रदूषण और स्वास्थ्य
दिल्ली का प्रदूषण एक गंभीर समस्या है, जो हर साल दिवाली के बाद बढ़ जाता है। Crackers से निकलने वाला धुआं हवा को विषाक्त बना देता है, जिससे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा होती हैं। केजरीवाल ने कहा, “हम सभी को अपने शहर और अपने लोगों के स्वास्थ्य के प्रति जिम्मेदार होना चाहिए।”
समाज का समर्थन
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई लोग इस फैसले का समर्थन कर रहे हैं और इसे सही मानते हैं। उन्होंने कहा कि यह समाज की भलाई के लिए एक सामूहिक प्रयास है। “अगर हम सभी एकजुट होकर काम करेंगे, तो हम प्रदूषण को नियंत्रित कर सकते हैं और एक स्वच्छ दिल्ली का निर्माण कर सकते हैं।”
सुझाव और विकल्प
केजरीवाल ने लोगों से अनुरोध किया कि वे दीवाली के दौरान पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों का उपयोग करें। उन्होंने कहा, “Crackers के बजाय, हम फूलों, मिठाईयों और अन्य पारंपरिक तरीकों से त्योहारों का आनंद ले सकते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर खुशियाँ साझा करें और सुरक्षित तरीके से त्योहार मनाएं।
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केजरीवाल का यह बयान न केवल Crackers पर बैन को सही ठहराता है, बल्कि यह समाज में जागरूकता फैलाने का भी प्रयास है। उन्होंने सभी से अपील की है कि वे इस फैसले को समझें और सहयोग करें। उनका मुख्य संदेश स्पष्ट है: स्वास्थ्य और पर्यावरण की रक्षा हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
इस तरह, Crackers पर बैन एक स्वस्थ और सुरक्षित दिल्ली के निर्माण की दिशा में एक कदम है, जिसमें किसी भी धर्म या समुदाय का भेदभाव नहीं है।