Kejriwal :’Over Confident’ कांग्रेस के साथ नहीं करेंगे गठबंधन, अकेले लड़ेगी AAP
Kejriwal ने हरियाणा चुनाव परिणामों का हवाला देते हुए कहा कि सबसे बड़ा सबक यह है कि कभी भी अति आत्मविश्वास में नहीं रहना चाहिए।
Kejriwal | आम आदमी पार्टी ने घोषित किया: दिल्ली विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी
Kejriwal | नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (AAP) की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने बुधवार को स्पष्ट किया कि पार्टी आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 अकेले लड़ेगी। एएनआई से बात करते हुए कक्कड़ ने कहा, “हम दिल्ली विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेंगे। हमारे सामने एक तरफ अति आत्मविश्वासी कांग्रेस है और दूसरी तरफ अहंकारी भारतीय जनता पार्टी।”
2020 चुनाव परिणामों का जिक्र
कक्कड़ ने पिछले दिल्ली विधानसभा चुनाव की चर्चा करते हुए बताया कि आम आदमी पार्टी ने 2020 में 70 में से 62 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा को केवल आठ सीटें मिली थीं। इस सफलता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी अपने प्रदर्शन पर गर्व करती है, लेकिन भविष्य के चुनावों के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है।
केजरीवाल का संदेश: अति आत्मविश्वास से बचें
इससे पहले, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद Kejriwal ने हरियाणा चुनाव परिणामों का हवाला देते हुए कहा कि सबसे बड़ा सबक यह है कि कभी भी अति आत्मविश्वास में नहीं रहना चाहिए। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को अगले वर्ष होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कड़ी मेहनत करने का आग्रह किया। केजरीवाल ने कहा, “चुनाव नजदीक आ रहे हैं। हमें इन चुनावों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। हर चुनाव और सीट कठिन होती है।”
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चुनावी रणनीति पर जोर
प्रियंका कक्कड़ ने आगे कहा कि आम आदमी पार्टी अपनी रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करेगी और बिना किसी सहयोगी दल के चुनाव मैदान में उतरेगी। उन्होंने कहा, “हम अपना सिर नीचे रखकर काम करेंगे और पिछले 10 सालों में जो किया है, उसी पर भरोसा करेंगे।”
संभावित चुनौतियाँ
दिल्ली में चुनावी माहौल काफी प्रतिस्पर्धात्मक होता है, और आम आदमी पार्टी को अपने खिलाफ भाजपा और कांग्रेस के मजबूत प्रतिद्वंद्वियों का सामना करना पड़ेगा। पार्टी को यह ध्यान में रखना होगा कि पिछले चुनावों में मिली सफलता को बनाए रखने के लिए उन्हें और भी मेहनत करनी होगी।
आम आदमी पार्टी का यह निर्णय अकेले चुनाव लड़ने का एक साहसी कदम है, जो उसे अपनी पहचान बनाए रखने का अवसर देता है। पार्टी को अब अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को प्रेरित करने के साथ-साथ सही रणनीतियों के माध्यम से चुनावी मुकाबले में उतरना होगा। 2025 का चुनाव न केवल पार्टी के लिए एक परीक्षा होगी, बल्कि दिल्ली की राजनीति में नए समीकरण भी ला सकता है।