केजरीवाल सरकार ने बढ़ाया मजदूरों का न्यूनतम वेतन, जानें कितनी मिलेगी सैलरी
नई दिल्ली. दिल्ली के श्रम मंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने शुक्रवार को दिल्ली के अकुशल, अर्ध कुशल और अन्य श्रमिकों का महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) बढ़ाने का आदेश जारी किया है. साथ ही उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने सभी मजदूरों को बढ़ी हुई दर के साथ भुगतान सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि गरीब और मजदूर वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए कोरोना महामारी के दौरान यह बड़ा कदम उठाया गया है. इसका लाभ लिपिक और सुपरवाइजर वर्ग के कर्मचारियों को भी मिलेगा.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि असंगठित क्षेत्र के ऐसे श्रमिकों को महंगाई भत्ते पर रोक नहीं लगाई जा सकती है, जिन्हें सामान्यत: केवल न्यूनतम मजदूरी मिलती है. इसलिए दिल्ली सरकार ने महंगाई भत्ते जोड़कर नया न्यूनतम वेतन की घोषणा की है. महंगाई भत्ते के तहत अकुशल मजदूरों के मासिक वेतन को 15492 रुपये से बढ़ाकर 15908 रुपये, अर्ध कुशल श्रमिकों के मासिक वेतन को 17069 रुपये से बढ़ाकर 17537 रुपये और कुशल श्रमिकों के मासिक वेतन को 18,797 रुपये से बढ़कर 19291 रुपये किया गया है.
दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला
इसके अलावा सुपरवाइजर और लिपिक वर्ग के कर्मचारियों की न्यूनतम मजदूरी की दर बढ़ाई गई है. इनमें गैर मैट्रिक कर्मचारियों का मासिक वेतन 17069 से बढ़ाकर 17537 रुपये, मैट्रिक लेकिन गैर स्नातक कर्मचारियों का मासिक वेतन 18797 से बढ़ाकर 19291 रुपये तथा स्नातक और इससे अधिक शैक्षणिक योग्यता वाले मजदूरों का मासिक वेतन 20430 से बढ़ाकर 20976 रुपये कर दिया गया है. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हालांकि हम सरकार के कई खर्चों में कटौती कर रहे हैं, लेकिन मज़दूरों के हित का ध्यान रखते हुए हमने उनका महंगाई भत्ता बढ़ाने का निर्णय लिया है. कोरोना के कारण आज समाज का हर वर्ग आर्थिक रूप से भी प्रभावित हुआ है. दाल और तेल जैसी रोजाना के उपभोग की वस्तुएं भी महंगी हो गई हैं. मनीष सिसोदिया ने कहा उम्मीद करता हूं कि इस बढ़ोतरी से मजदूर भाईयों को सहायता मिलेगी. मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में मजदूरों को मिलने वाला न्यूनतम वेतन देश के अन्य किसी भी राज्य की तुलना में सबसे अधिक है. इस बढ़ोतरी से कम से कम 55 लाख कॉन्ट्रैक्चुअल श्रमिकों को इससे फायदा पहुंचेगा.