Keith Kellogg : ट्रंप के विशेष दूत और यूक्रेन-रूस संघर्ष में अमेरिकी नीति में बदलाव
Keith केलॉग को यूक्रेन और रूस के लिए नियुक्त किया है। यह कदम यूक्रेन-रूस संघर्ष में अमेरिकी नीति में एक स्पष्ट बदलाव को संकेतित करता है।
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में अपने विशेष दूत के रूप में रिटायर्ड जनरल Keith केलॉग को यूक्रेन और रूस के लिए नियुक्त किया है। यह कदम यूक्रेन-रूस संघर्ष में अमेरिकी नीति में एक स्पष्ट बदलाव को संकेतित करता है। ट्रंप का कहना है कि उनका उद्देश्य इस युद्ध का शीघ्र समाधान प्राप्त करना है, जो संभवत: यूक्रेन को दी जाने वाली अमेरिकी सैन्य सहायता में कमी लाकर हासिल किया जा सकता है।
ट्रंप ने कहा, “हम मिलकर शांति को सुरक्षा के माध्यम से प्राप्त करेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि “कीथ मेरे साथ शुरू से ही थे।” इस बयान के साथ ट्रंप ने यह संकेत दिया कि कीथ केलॉग का उन्हें पूरी तरह से समर्थन है और उनकी विचारधारा उनके राजनीतिक दृष्टिकोण से मेल खाती है।
Keith केलॉग का करियर
Keith केलॉग, जो अब 80 वर्ष के हो चुके हैं, पूर्व उपराष्ट्रपति माइक पेंस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में कार्य कर चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने ट्रंप के पहले प्रशासन में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई हैं। केलॉग को उनकी वफादारी और रणनीतिक दृष्टिकोण के लिए जाना जाता है। वह ऐसे व्यक्ति माने जाते हैं जिन्होंने कूटनीति और दबाव दोनों का संतुलित उपयोग किया है।
Keith केलॉग की यूक्रेन के प्रति नीति
Keith केलॉग ने अमेरिका फर्स्ट पॉलिसी इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर कई लेख लिखे हैं, जिनमें उन्होंने यूक्रेन को बातचीत के लिए प्रेरित करने के लिए हथियारों की आपूर्ति रोकने की बात की थी। उनका मानना है कि यदि यूक्रेन पर दबाव डाला जाए तो वह वार्ता की टेबल पर आ सकता है, लेकिन यदि वार्ता आगे बढ़ती है तो अमेरिका को फिर से यूक्रेन की मदद करनी चाहिए। उनके इस दृष्टिकोण से यह स्पष्ट होता है कि वह सैन्य सहायता को एक प्रमुख कूटनीतिक उपकरण के रूप में देखते हैं।
ट्रंप का दृष्टिकोण और रणनीति
ट्रंप ने यूक्रेन के संघर्ष के संदर्भ में लगातार यह सवाल उठाया है कि क्या अमेरिकी सेना को यूक्रेन की मदद में लगाना उचित है। उनका यह रुख उनकी अमेरिका फर्स्ट नीति का हिस्सा है, जिसमें वह चाहते हैं कि अमेरिकी संसाधनों का उपयोग पहले घरेलू समस्याओं को हल करने में किया जाए। कीथ केलॉग की नियुक्ति से यह संदेश जाता है कि ट्रंप यूक्रेन की सैन्य सहायता को कम करने के पक्ष में हैं और रूस के साथ वार्ता के लिए दबाव डालने का समर्थन करते हैं।
रूस और यूक्रेन संघर्ष में अमेरिकी नीति में बदलाव
Keith केलॉग की नियुक्ति अमेरिकी नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है। यह स्पष्ट है कि ट्रंप का उद्देश्य यूक्रेन-रूस युद्ध को जल्दी समाप्त करना है, लेकिन इसके लिए वह सैन्य सहायता को एक रणनीतिक टूल के रूप में कम करने का विचार रखते हैं। ट्रंप और केलॉग की यह रणनीति यूक्रेन को बातचीत के लिए मजबूर करने और युद्ध में दोनों पक्षों के लिए एक त्वरित समाधान ढूंढने की ओर इशारा करती है।
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Keith केलॉग की नियुक्ति ट्रंप के दृष्टिकोण को और स्पष्ट करती है कि वह यूक्रेन-रूस संघर्ष में जल्द से जल्द शांति लाने के पक्षधर हैं। उनके द्वारा उठाए गए कदम और विचार अमेरिकी विदेश नीति में एक नया मोड़ ला सकते हैं, जहां कूटनीति और दबाव का संतुलित उपयोग किया जाएगा। इस नियुक्ति के साथ यह भी स्पष्ट हो जाता है कि ट्रंप की भविष्य की रणनीति में यूक्रेन के लिए अमेरिकी सैन्य सहायता में कमी लाना एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है।