कोरोना काल में इन 6 तरीकों से खुद पर रखें काबू, डर को ऐसे भगाएं दूर
कोरोना महामारी के चलते लोग घर में बंद हैं. लॉकडाउन के दौरान लोग तनाव (Stress) महसूस कर रहे हैं. भावनाएं यानी इमोशन (Emotion) उमड़-उमड़कर सामने आ रहे हैं. कभी दोस्तों की, कभी परिजनों की तो कभी दफ्तर की याद आ रही है. गर्मी की छुट्टियों में घूमने का प्लान इस साल फिर खराब हो गया है और इससे आप दुखी हैं तो यकीन मानिए आप अकेले नहीं हैं, जिसे ऐसा महसूस हो रहा है. जब से कोविड-19 (Covid-19) महामारी का प्रकोप शुरू हुआ है, तभी से लोग चिंता, तनाव, भ्रम, शंका, चिड़चिड़ापन, गुस्सा और दुख जैसे भावों से भर गए हैं. रहे हैं. कई लोगों को यह भी समझ में नहीं आ रहा कि अब क्या करना चाहिए. इस समय लोगों के मन में कई तरह के भाव आ-जा रहे हैं और कई बार तो एक साथ कई इमोशन उमड़कर आ रहे हैं. इस सबका आपके मेंटल हेल्थ (Mental Health) पर बहुत बुरा असर पड़ता है. ऐसे वक्त में जब इतने सारे बदलाव एक साथ और अचानक हो रहे हों तब आपको चाहिए कि आप खुद को परिस्थितियों के अनुसार ढालें.
समस्या नहीं समाधान ढूंढे
बहुत सी ऐसी चीजें हैं, जिन पर आपको गुस्सा आ सकता है, झल्लाहट हो सकती है, लेकिन स्वीकार कर लें कि आप सबकुछ ठीक नहीं कर सकते हैं. फिर भी बहुत सी बातें हैं, जिनका समाधान आपके पास ही है. ये सोचने की बजाय कि अगर आपने कुछ किया तो क्या होगा, आगे बढ़ें और बिना चिंता किए उस काम को कर लें क्योंकि आप इसमें सफल होंगे या नहीं, इस बात का पता आपको तब तक नहीं चलेगा, जब तक आप इसे करने की कोशिश नहीं करेंगे.
आप कैसा महसूस कर रहे हैं यह आपके साथ रहने वाले घर के लोग भी जानते हैं. इसलिए अपनी भावनाओं को बांधने की कोशिश न करें. ऐसा करना आपके लिए हालात को थोड़ा और अनकंफर्टेबल बना देगा. फिर आपके लिए अपनी डेली लाइफ में भी हालात को काबू करना मुश्किल हो जाएगा. इसलिए अपनी भावनाओं की कद्र करें. ऐसा करने से आप खुद से मिल पाएंगे, खुद को करीब से जान पाएंगे और अपनी जरूरतों को भी समझ पाएंगे.
अपनों पर प्यार जताएं
हर किसी को समय-समय पर प्यार और मदद की जरूरत होती है. खासकर इस मुश्किल दौर में प्यार किसी दवाई से कम नहीं है. इस समय अपने प्रियजनों पर प्यार लुटाएं. फिर चाहे वह आपके घर का सदस्य हो, करीबी दोस्त हो या कोई अन्य. इस समय जब हर कोई भावनाओं के ज्वार से गुजर रहा है तो यही चाहता है कि कोई उसकी भी सुने, कोई कंधा मिले, जिस पर सिर रख कर वह रो सके. आप सुनें, मजबूत कंधा बनें इससे आपको भी परिस्थितियों के अनुसार ढलने में मदद मिलेगी.
अपने अनुभव शेयर करें
बंद कमरे में ताजी हवा नहीं मिल सकती. बंद कमरे में धीरे-धीरे ऑक्सीजन खत्म होने लगता है और सांस लेना दूभर हो जाता है. इसलिए खुद को खुला रखें. जब भी कुछ अच्छा या बुरा अनुभव करें तो उसे दूसरों के साथ शेयर करें. इससे उन्हें भी आपके दुख में शरीक होने का मौका मिलेगा और खुशी में साथ मिलकर हंस लेंगे. ऐसा करने से आपके प्रति नजरिए में भी बदलाव आएगा. वह आपको नई नजर से देखेने लगेंगे और आप खुद में भी सकारात्मक बदलाव महसूस करेंगे.
अपने पॉजिटिव सोच पर अडिग रहें
किसी पर विश्वास रखना बड़ी बात होती है. खासकर इस मुश्किल दौर में अपने विश्वास पर टिके रहना बड़ी बात है. जब हर तरफ निराशा का माहौल हो, कहीं से भी कोई खुशखबरी सुनने को नहीं मिल रही हो, ऐसे वक्त में अपने विश्वास पर कायम रहें. विश्वास बनाए रखें कि एकदिन सब ठीक हो जाएगा. अगर धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियां आपको आराम देती हैं तो उन्हें जारी रखें. ऐसी गतिविधियों के लिए अतिरिक्त समय निकालें.