8 घंटे में 36 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के किए दर्शन;
सावन माह रविवार से शुरू हो गया है। पहले दिन वाराणसी में शिवभक्तों का हुजूम श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में उमड़ पड़ा। इस दौरान लोगों ने हर-हर महादेव और बम-बम भोले का उद्घोष किया। मंदिर प्रशासन के अनुसार सुबह 4 बजे मंगला आरती के बाद से दोपहर 12:30 बजे तक लगभग 36 हजार शिवभक्त बाबा के दरबार में हाजिरी लगा चुके थे। कल यानी सोमवार को भक्तों की संख्या 2 लाख के पार होगी। इसको लेकर मंदिर प्रशासन के साथ जिला प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। भक्तों के लिए रेड कार्पेट बिछाया जा रहा है।
बाबा जगत का और हमारा भी कल्याण करें
अमेठी निवासी निवासी बबलू तिवारी ने कहा कि सावन के पहले दिन बाबा को जल अर्पित कर आनंद आ गया। बाबा से यही विनती की है कि वह जगह का कल्याण करें और हमारा भी कल्याण करें। देश और दुनिया को कोरोना से बाबा मुक्ति दिलाएं। बबलू के साथ आए स्वदेश कुमार तिवारी ने कहा कि सोमवार को श्रद्धालुओं की भीड़ ज्यादा रहेगी और सिर्फ झांकी दर्शन की अनुमति ही रहेगी, इसलिए रविवार को ही बाबा का दर्शन-पूजन किए हैं। बस यही प्रार्थना की है कि कोरोना से हम सभी को मुक्ति मिले।
सोमवार को सिर्फ झांकी का होगा दर्शन
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि सावन के पहले सोमवार की दर्शन-पूजन की हमारी तैयारियां पूरी हैं। शिवभक्त रेड कार्पेट से बाबा के दरबार पहुंचेंगे। पहली बार स्टील की बैरिकेटिंग लगाई गई है। सावन के चारों सोमवार को सिर्फ झांकी दर्शन होगा और स्पर्श दर्शन प्रतिबंधित रहेगा। सोमवार को मैदागिन की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं को गेट नंबर 4 छत्ताद्वार होते हुए मंदिर चौक भेजा जाएगा। गेट-ए से प्रवेश करने के बाद श्रद्धालु गर्भगृह के पूर्वी प्रवेश द्वार पर जल चढ़ा सकेंगे।
बांसफाटक से ढुंढिराज गली होकर आने वाले श्रद्धालु गेट-डी से प्रवेश कर गर्भगृह के पश्चिमी द्वार पर दर्शन और जलाभिषेक कर सकेंगे। सरस्वती फाटक की ओर से आने वाले श्रद्धालु गर्भगृह के दक्षिणी द्वार से दर्शन और जलाभिषेक करेंगे। गेट-सी से वीआईपी, वीवीआईपी और सुगम दर्शन का टिकट लेने वाले प्रवेश करेंगे और गर्भगृह के उत्तरी द्वार से दर्शन और जलाभिषेक करेंगे। मंदिर परिसर को हर 6 घंटे पर सैनिटाइज कराने की व्यवस्था की गई है। आपात स्थिति के लिए डॉक्टरों की टीम और एनडीआरएफ के जवान तैनात रहेंगे। पेयजल और शौचालय की सुविधा के साथ ही खोया-पाया केंद्र भी बनाया गया है।
बीएचयू के विश्वनाथ मंदिर में शुरू हुआ दर्शन-पूजन
बीएचयू परिसर स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में भी रविवार की सुबह से दर्शन-पूजन शुरू हो गया है। बीएचयू स्थित विश्वनाथ मंदिर में टीका लगाने, माला पहनाने, फूल अर्पित करने और जल-प्रसाद पर प्रतिबंध लगाया है। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कहा गया है कि श्रद्धालु सिर्फ झांकी दर्शन कर सकेंगे। इसी तरह से सारनाथ स्थित सारंगनाथ महादेव मंदिर में भी सिर्फ झांकी दर्शन की व्यवस्था की गई है। मंदिर का गर्भगृह बंद रहने के साथ ही सावन मेला भी स्थगित रहेगा।
भीड़ के मद्देनजर नगर क्षेत्र में रूट डायवर्जन की व्यवस्था
मैदागिन से चौक होते हुए गोदौलिया की तरफ जाने वाले वाहनों को मैदागिन से आगे नही जाने दिया जाएगा। यह ट्रैफिक मैदागिन चौराहे से लहुराबीर, मलदहिया की ओर तथा लहुराबीर से बेनियाबाग की तरफ भेजा जाएगा।लक्सा की तरफ से आने वाली सभी प्रकार की सवारी गाड़ियों को लक्सा थाने से आगे नही जाने दिया जाएगा। यह ट्रैफिक गुरुबाग से कमच्छा की ओर तथा लक्सा से बेनिया की तरफ मोड़ दिया जाएगा।लहुराबीर से होकर गोदौलिया की तरफ जाने वाली सभी प्रकार की सवारी गाड़ियों को बेनिया तिराहे से आगे जाने नही दिया जाएगा। यह ट्रैफिक बेनियाबाग वाया औरंगाबाद पुलिस चौकी से लक्सा की तरफ मोड़ दिया जाएगा।अस्सी, सोनारपुरा से होकर गोदौलिया की तरफ जाने वाली सभी प्रकार के वाहनों को सोनारपुरा चौराहे से आगे नही जाने दिया जाएगा। यह ट्रैफिक भेलूपुर थाने की तरफ मोड़ दिया जाएगा।भेलूपुर थाने से रेवड़ी तालाब होकर रामापुरा चौराहे की तरफ जाने वाले सभी प्रकार के वाहनों को तिलभांडेश्वर से आगे नही जाने दिया जाएगा। इन वाहनों को अस्सी तथा भेलूपुर की तरफ मोड़ दिया जाएगा।
मैदागिन से गोदौलिया नो व्हीकल जोन घोषित
मैदागिन से गोदौलिया होते हुए रामापुरा तथा इसी प्रकार रामापुरा, गोदौलिया से मैदागिन तक संपूर्ण मंदिर मार्ग सावन के प्रत्येक रविवार को रात 8 बजे से मंगलवार की सुबह 8 बजे तक नो-व्हीकल जोन घोषित किया किया गया है। इसके तहत मैदागिन से गोदौलिया, रामापुरा तक तथा रामापुरा से गोदौलिया होकर मैदागिन तक किसी प्रकार के छोटे-बड़े वाहन को नही जाने दिया जाएगा। यह मार्ग केवल पैदल यात्रियों के आने-जाने के लिए मुक्त रखा जाएगा।
बाबा दरबार जाएं तो इन बातों का रखें ध्यान
इलेक्ट्रानिक उपकरण लेकर दर्शन करने न जाएं।ज्वलनशील पदार्थ, माचिस और प्लास्टिक जैसी सामग्री साथ न ले जाएं।कोई भी लावारिस सामग्री देखें तो तत्काल पुलिस को बताएं।मास्क के बगैर मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।मंदिर परिसर में संवेदनशील स्थानों की ओर न जाएं।अपने सामान की सुरक्षा स्वयं करें और उन्हें निर्धारित लॉकर में ही रखें।दर्शन से पहले गंगा में स्नान करने के दौरान गहराई में न जाएं।