क्या है प्रथम करवाचौथ व्रत के नियम
अगर कोई महिला पहली बार करवाचौथ का व्रत रख रही है तो उस महिला को करवाचौथ के व्रत से जुड़ी साम्रगी और कथा के बारे में भी जानना चाहिए । करवाचौथ का व्रत निर्जला व्रत होता है जिसमे महिलाओ को सुबह 4-5 बजे उठ कर सरगी लेनी होती है ।
सरगी क्या होती है ? इसमें क्या-क्या सामग्री होती है ?
सरगी सास अपनी बहु को देती है । इसमें शृंगार की वस्तुएं जैसे साड़ी, जेवर आदि करवा चौथ पर देती हैं । जो वधु तैयार हो कर पहनती है । सरगी में अपनी-अपनी परंपरा के अनुसार खान-पान ले सकते हैं । लेकिन इसे सुबह बिना नहाए खाया जाता है । एक बार सरगी खाने के बाद न पानी पी सकते हैं और न ही कुछ खा सकते हैं ।
इस व्रत में चांद के दर्शनों का विशेष महत्व होता है । चांद के दर्शन के बाद ही व्रत पूरा माना जाता है । चंद्रमा के दिखने पर ही अर्घ्य प्रदान करना होता है । इसके साथ ही गणेश जी और चतुर्थी माता को भी अर्घ्य देना होता है । पहली बार कर रही महिलाओ को एक बार ज्योतिषी की सलाह ले नी चाहिए क्योकि शुक्र के अस्त होने के कारण इस बार पहला करवा चौथ का व्रत नहीं करना चाहिए और न ही व्रत का उद्यापन करना चाहिए ।
13 अक्टूबर, 2022 को करवाचौथ पूरे भारत में मनाया जाएगा । उस दिन सभी महिलाए अपने पति की लंबी उम्र के लिए य। व्रत रखती है ।