करवा चौथ पर आखिर क्यों छलनी से पति का मुंह देखती हैं पत्नियां, पौराणिक कथा में छिपा है राज़?
करवा चौथ के दिन महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं और रात में छलनी से पति का चेहरा देख पूजा संपन्न करती है।लेकिन क्या आप जानते हैं कि छलनी में पति का चेहरा देखने के पीछे क्या वजह है?
करवा चौथ पर आखिर क्यों छलनी से पति का मुंह देखती हैं पत्नियां, पौराणिक कथा में छिपा है राज़?
करवा चौथ के दिन महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं और रात में छलनी से पति का चेहरा देख पूजा संपन्न करती है।लेकिन क्या आप जानते हैं कि छलनी में पति का चेहरा देखने के पीछे क्या वजह है?
करवा चौथ का महत्व: आपने देखा होगा कि करवा चौथ (Karwa Chauth) पर सुहागिन महिलाएं छलनी से पति का चेहरा देखती हैं. क्या आपने कभी सोचा कि वे ऐसा करती क्यों हैं. पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद प्राप्त करने हर सुहागिन करवा चौथ का व्रत रखती हैं. दिनभर निर्जला व्रत के बाद वे चांद का दीदार करती हैं और फिर व्रत खोलती हैं. यह व्रत पूरे विधि-विधान के साथ होता है. इस व्रत के दौरान महिलाएं अपने पति का चेहरा छलनी से देखती हैं।
करवा चौथ पर छलनी का महत्व
करवा चौथ की पूजा की थाली में छलनी का काफी महत्व होता है। महिलाएं पूजा की थाली के साथ छलनी को भी सजाती हैं। फिर जब शाम में वे व्रत खोलती हैं तो इसी छलनी से पति का चेहरा देखती हैं. इस दौरान वे छलनी में दीपक भी रखती हैं. छलनी से पति का मुंह देखने के बाद पति अपने हाथों से पत्नी को पानी पिलाते हैं और फिर यह व्रत पूर्ण हो जाता है।इस व्रत में छलनी का विशेष रूप से महत्व है।
छलनी के प्रयोग के पीछे की पौराणिक कथा
करवा चौथ पर छलनी के इस्तेमाल की एक पौराणिक कथा है। प्राचीनकाल में पतिव्रता और बेहद खूबसूरत वीरवती रहती थीं।उनके सात भाई थे। जब वीरवती का विवाह हुआ तो उन्होंने करवा चौथ का व्रत रखा। लेकिन निर्जला व्रत रखने के कारण उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। जब भाईयों ने यह देखा तो उन्होंने एक तरकीब निकाली और चांद निकलने से पहले ही एक भाई पेड़ पर बैठकर छलनी में दीपक रखकर बहन से कहने लगा देखो चांद निकल आया है।वीरवती ने जब छलनी के पीछे वाले दीपक को देखा तो उसे ही चांद समझ लिया और अपना व्रत खोल दिया। इसके बाद वीरवती के पति का निधन हो गया। जब वीरवती को सच्चाई का पता चला तो वे काफी दुखी हुई और पति के मृत शरीर को अपने पास ही रख लिया।
करवा चौथ के व्रत के प्रताप से जीवित हुआ पति
इसके बाद एक साल बाद जब करवा चौथ का दिन आया तो वीरवती ने एक बार फिर विधि-पूर्वकर करवा चौथ का व्रत रखा और पूरे नियम का पालन किया। इससे मां प्रसन्न हो गई और वीरवती के पति को जीवित कर दिया। यही कारण है कि सुहागिन महिलाएं छलनी और दीपक को लेकर उगते चांद को देखती हैं ताकि उनके साथ किसी तरह का छल न हो सके और उनकी पूजा विधि-पूर्वक संपन्न हो सके।